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हनुमान जयंती पूजा विधि

हनुमान जयंती पूजा विधि

Hanuman Jayanti Puja Vidhi: इस आसान विधि से घर पर करें बजरंगबली की पूजा, मिलेगा बल, बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद    

हनुमान जयंती हर साल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, घर में सुख-शांति आती है और मानसिक व शारीरिक बल की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।

कब है हनुमान जयंती 2025?

पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को सुबह 3:20 बजे शुरू होकर 13 अप्रैल को सुबह 5:52 बजे तक रहेगी। इसलिए हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा।

ऐसे करें घर में हनुमान जयंती की पूजा

अगर आप घर पर पूजा करना चाहते हैं, तो ये आसान विधि अपनाकर भगवान हनुमान का आशीर्वाद पा सकते हैं:

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और लाल या नारंगी वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और लाल कपड़े पर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। साथ में भगवान राम और सीता माता की तस्वीर भी रखें।
  • पूजा सामग्री में रखें: सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल, फूलों की माला, जनेऊ, धूप, दीप, कपूर, कलश, नारियल, गुड़, चना, बेसन या बूंदी के लड्डू, केला, सूखे मेवे, पंचामृत, तुलसी पत्ते और गंगाजल।
  • गंगाजल, अक्षत और फूल हाथ में लेकर संकल्प लें और अपनी मनोकामनाएं मन में दोहराएं।
  • सबसे पहले भगवान राम और सीता माता की पूजा करें, फिर हनुमान जी को स्नान कराएं।
  • चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर चोला चढ़ाएं — ध्यान रहे चोला चढ़ाते समय बाएं पैर से शुरुआत करें।
  • हनुमान जी को लाल वस्त्र और जनेऊ पहनाएं, फूलों की माला चढ़ाएं और भोग अर्पित करें।
  • धूप और दीप जलाकर आरती करें।
  • अंत में हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और भूल-चूक के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

हनुमान जयंती का महत्व

हनुमान जयंती का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से गहरा महत्व है। यह दिन न केवल भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक है, बल्कि उनके जीवन से जुड़े साहस, भक्ति और सेवा के आदर्शों की याद दिलाता है।

  • भगवान हनुमान को भगवान शिव का रुद्रावतार माना गया है।
  •  उनका जन्म धर्म की रक्षा और बुराई के अंत के लिए हुआ था।
  • भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति आज भी करोड़ों लोगों को निष्ठा और समर्पण का संदेश देती है।


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