बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है (Bade Maan Se Zamana Maa Tujhe Pujata Hai)

श्लोक:


जयंती मंगला काली,

भद्र काली कपालिनी,

दुर्गा क्षमा शिवाधात्री,

स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।


बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है,

तेरे नाम का तराना,

त्रिभुवन में गूंजता है ।

बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है ॥




होती दया की जिसपे नजर,

दुनिया में होता वो बेखबर,

चरणों में वो दीवाना,

चौखट को चूमता है ।

बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है ॥


भक्तो को देती वरदान है,

पुरे करे सब अरमान है,

रुतबा बड़ा सुहाना,

हर्षय में घूमता है ।

बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है ॥




पापी ह्रदय को निर्मल करो,

भक्ति से मेरा दामन भरो,

चेतन झलक दिखा दो,

मन तुमको ढूंढता है ।

बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है ॥


बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है,

तेरे नाम का तराना,

त्रिभुवन में गूंजता है ।

बड़े मान से जमाना,

माँ तुमको पूजता है ॥

........................................................................................................
राम नाम ना गाया तूने, बस माया ही जोड़ी (Ram Naam Na Gaya Tune Bas Maya Hi Jodi)

राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।

नई दुकान की पूजा विधि

किसी भी व्यक्ति के लिए नया व्यापार शुरू करना जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह एक नई उम्मीद और सपनों की शुरुआत होती है। इसी कारण हर व्यवसायी अपनी दुकान की स्थापना के समय पूजा करता है।

प्राण त्यागने से पहले भीष्म ने क्या कहा था?

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जिसमें अनेक शिक्षाएं निहित हैं। महाप्रतापी योद्धा भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था, जिसके कारण वे अपनी इच्छा से प्राण त्याग सकते थे।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने