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ये मेरी अर्जी है: भजन (Ye Meri Arzi Hai)

ये मेरी अर्जी है: भजन (Ye Meri Arzi Hai)

ये मेरी अर्जी है,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


दोहा – मैंने कब कहा,

की मुझे दुनिया का माल दे,

लगी है फास दिल में निकाल दे

मुझ गरीब का तो श्याम,

इतना सवाल है,

जो कुछ समझ में आए,

मेरी झोली में डाल दे ॥


लफ्जो का टोटा है,

लफ्जो का टोटा है,

जिक्र प्यारे का,

अश्को से होता है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


छम छम छम बारिश है,

छम छम छम बारिश है,

माहि घर आजा,

हर बून्द सिफारिश है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


वो इतना प्यारा है,

वो इतना प्यारा है,

चाँद कहे उससे,

तू चाँद हमारा है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


जग रोक ना पाएगा,

जग रोक ना पाएगा,

मीरा नाचेगी,

जब श्याम बुलाएगा,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


मेरा माहि गबरू है,

मेरा माहि गबरू है,

उसकी खुशबु से,

खुशबु में खुशबु है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


ये मेरी अर्जी है,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥

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सीता नवमी 2025 के उपाय

सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्म की खुशी में मनाया जाता है, जो वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है। इस दिन देवी सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थायित्व आता है।

सीता नवमी की व्रत कथा

सीता नवमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माता सीता के प्राकट्य के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं।

बगलामुखी जयंती 2025 कब है

बगलामुखी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है, जो देवी बगलामुखी को समर्पित है। वह दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं और श्री कुल से संबंधित हैं। देवी बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। उनकी साधना से स्तंभन की सिद्धि प्राप्त होती है और शत्रुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

मां बगलामुखी की कथा

देवी बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या हैं, जो पूर्ण जगत की निर्माता, नियंत्रक और संहारकर्ता हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन की अनेकों बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

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