बजरंगबली मेरी नाव चली (Bajarangabali Meri Nav Chali)

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।

हे महावीरा हर लो पीरा,

सत्माराग मोहे दिखा देना ॥


दुखों के बादल गिर आयें,

लहरों मे हम डूबे जाएँ ।

हनुमत लाला, तू ही रखवाला,

दीनो को आज बचा लेना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


सुख देवनहारा नाम तेरा,

पग पग पर सहारा नाम तेरा ।

भव भयहारी, हे हितकारी,

कष्टों से आज छुड़ा देना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


हे अमरदेव, हे बलवंता,

तुझे पूजे मुनिवर सब संता ।

संकट हारना लागे शरणा,

श्री राम से मोहे मिला देना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।

हे महावीरा हर लो पीरा,

सत्माराग मोहे दिखा देना ॥

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दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

हरिद्वार जाउंगी, सखी ना लौट के आऊँगी(Haridwar Jaungi Sakhi Na Laut Ke Aaungi)

सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,

जानकी स्तुति - भइ प्रगट किशोरी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kishori)

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धरनि निहोरी,

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