बजरंगबली मेरी नाव चली,
करुना कर पार लगा देना ।
हे महावीरा हर लो पीरा,
सत्माराग मोहे दिखा देना ॥
दुखों के बादल गिर आयें,
लहरों मे हम डूबे जाएँ ।
हनुमत लाला, तू ही रखवाला,
दीनो को आज बचा लेना ॥
बजरंगबली मेरी नाव चली,
करुना कर पार लगा देना ।
सुख देवनहारा नाम तेरा,
पग पग पर सहारा नाम तेरा ।
भव भयहारी, हे हितकारी,
कष्टों से आज छुड़ा देना ॥
बजरंगबली मेरी नाव चली,
करुना कर पार लगा देना ।
हे अमरदेव, हे बलवंता,
तुझे पूजे मुनिवर सब संता ।
संकट हारना लागे शरणा,
श्री राम से मोहे मिला देना ॥
बजरंगबली मेरी नाव चली,
करुना कर पार लगा देना ।
बजरंगबली मेरी नाव चली,
करुना कर पार लगा देना ।
हे महावीरा हर लो पीरा,
सत्माराग मोहे दिखा देना ॥
सत्य, सनातन, सुंदर, शिव! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥
बन्दौं रघुपति करुना निधान, जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस, सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥
ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन।
हरण दुख द्वन्द, गोविन्द आनन्दघन॥