नंदभवन में उड़ रही धूल(Nand Bhavan Me Ud Rahi Dhul)

नंदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे माथे पे आवे,

मैंने तिलक लगाए भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे नैनन पे आवे,

मैंने दर्शन करे भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे,

मैंने भजन गाए भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


उड़ उड़ धूल मेरे हाथन पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे हाथन पे आवे,

मैंने ताली बजाई भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


तीन लोक तीरथ नहीं,

जैसी ब्रज की धूल,

लिपटी देखी अंग सो,

भाग जाए यमदूत ।

मुक्ति कहे गोपाल सो,

मेरी मुक्ति बताए,

ब्रजरज उड़ माथे लगे,

मुक्ति भी मुक्त हो जाए ॥


उड़ उड़ धूल मेरे पैरन पे आवे,

उड़ उड़ धूल मेरे पैरन पे आवे,

मैंने परिक्रमा लगाई भरपूर,

धूल मोहे प्यारी लगे,

नँदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥


नंदभवन में उड़ रही धूल,

धूल मोहे प्यारी लगे ॥

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अन्नप्राशन संस्कार पूजा विधि

हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कार है। इन्हीं में से एक संस्कार है अन्नप्राशन संस्कार है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना होती है। दरअसल इस संस्कार के दौरान बच्चे को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है।

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी (Jjhulan Chalo Hindolana Vrashbhanu Nandni)

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,
झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।

मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो (Maiya Kripa Kar Do Jholi Meri Bhar Do)

मैया कृपा करदो,
झोली मेरी भरदो ।

स्कन्द षष्ठी व्रत की पूजा विधि

भगवान कार्तिकेय को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, स्कंद और मुरुगन जैसे नामों से जाना जाता है। वे शक्ति और विजय के देवता हैं। उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

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