तेरी प्रीत में मोहन मन बावरा है(Teri Preet Me Mohanan Man Bawra Hai)

तेरी प्रीत में मोहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है,

हमें तो कन्हैया,

तेरा आसरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


जीवन की ये कैसी छाया,

जीवन की ये कैसी छाया,

जीवन की ये कैसी छाया,

चहुँ और फैली फरेब की माया,

इक तेरा दर ही तो सबसे निराला,

कण कण यहाँ सच्चा प्यार भरा है,

प्यार भरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


जलती गई जब ज्ञान की ज्योति,

जलती गई जब ज्ञान की ज्योति,

मिलते गए तेरी प्रीत के मोती,

और रतन जहाँ के क्या मांगू भगवन,

प्रेम के अमृत से अंतर भरा है,

अंतर भरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


अब तो कन्हैया सबको बता दे,

अब तो कन्हैया सबको बता दे,

प्रीत की गंगा ऐसी बहा दे,

‘अंकुश’ कहे जमाना सच्ची मेरी भक्ति,

सच्ची है प्रीत सच्चा ये सांवरा है,

ये सांवरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


तेरी प्रीत में मोहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है,

हमें तो कन्हैया,

तेरा आसरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥

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गजानन आ जाओ एक बार (Gajanan Aa Jao Ek Baar )

गजानन आ जाओ एक बार,
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लड्डू गोपाल मेरा, छोटा सा है लला मेरा (Laddu Gopal Mera Chota Sa Hai Lalaa)

लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल ।
छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,

क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
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