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जब हिरण्याक्ष का आतंक पृथ्वी पर बढ़ गया, तो भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर उसे पराजित किया था। यह ऐतिहासिक घटना भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को घटी थी। इसीलिए इस तिथि को वराह जयंती के रूप में मनाया जाता है। साल 2024 में 6 सितंबर को वराह जयंती पूरे देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दौरान देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों में भगवान का पूजन होगा और भक्त उनके दर्शन कर पुण्य फल की प्राप्ति भी करेंगे।
वैसे तो भगवान विष्णु के इस तीसरे अवतार के बारे में सभी लोग जानते हैं लेकिन वराह अवतार के देश में कई प्रसिद्ध मंदिर है ये बात कुछ कम ही लोगों को पता है। इसलिए भक्तवत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे भगवान विष्णु के तीसरे अवतार यानी भगवान वराह के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में..
1. वराह मंदिर, तिरुमाला (आंध्रप्रदेश)
तिरुमाला में स्थित 'भुवराह स्वामी मंदिर' भगवान वराह को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 16वीं शताब्दी में हुआ था। यहां वराह जयंती के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की मूर्ति को नारियल के पानी से नहलाया जाता है फिर उनकी पूजा की जाती है। यह मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर के पास स्थित है।
2. वराह मंदिर, खजुराहो (मध्य प्रदेश)
भगवान वराह का एक और पुराना मंदिर भारत के दिल यानी मध्य प्रदेश के छतरपुर क्षेत्र में मौजूद है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर "वराह मंदिर खजुराहो" के नाम से प्रसिद्ध है और इस स्मारक को यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत का एक धरोहर क्षेत्र भी माना गया है। यह मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। भगवान वराह के जन्मदिन पर यहां भव्य आयोजन किया जाता है।
3. श्री वराह मंदिर, महाबलीपुरम (तमिलनाडु)
तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में वराह गुफा मंदिर है। ये चट्टानों को काटकर बनाया गया है। भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तीसरे अवतार वराह का ये मंदिर महाबलीपुरम से करीब 8 किलोमीटर दूर है। शिलालेखों और एतिहासिक शोध के अनुसार ये मंदिर 7र्वी शताब्दी का माना जाता है। इस मंदिर के इतिहास को देखते हुए इसे 1984 में यूनेस्कों द्वारा विश्व की महत्वपूर्ण एतिहासिक धरोहरों में भी शामिल किया गया है।
4. श्री वराह मंदिर, हम्पी (कर्नाटक)
हम्पी का वराह मंदिर भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक वराह स्वामी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित संरचना है। यह हम्पी आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। वराह मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल के दौरान हुआ था। यह उस युग में पूजा का एक महत्वपूर्ण स्थान था।
5. वराह मंदिर, पुष्कर (राजस्थान)
वराह मंदिर राजस्थान के पुष्कर में भी स्थित है, जो कई महलों, किलों और मंदिरों के रूप शानदार शाही राजवंशों के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। वराह मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों में से एक है जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। वराह जयंती के दिन यहां विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।
6.वराह मंदिर, हाजीपुर (बिहार)
बिहार में स्थित हाजीपुर का वराह मंदिर भी भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित एक महत्वपूर्ण मंदिर है। इस मंदिर में वराह जयंती के दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
7. दक्षिण भारत
इसके अलावा दक्षिण भारत में भी वराह जयंती को अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। केरल में इस दिन “श्री वराह महापूजा” का आयोजन किया जाता है। कुछ मंदिरों में वराह जयंती के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की शोभायात्रा निकाली जाती है।
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