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अगस्त 2025 व्रत-त्योहार

अगस्त 2025 व्रत-त्योहार

Vrat Tyohar August 2025: मासिक दुर्गाष्टमी और वरलक्ष्मी व्रत के साथ शुरू होगा अगस्त का महीना, यहां विस्तार से देखें व्रत-त्योहार की लिस्ट

अगस्त का महीना अपने साथ कई अनूठे अवसर और अनुभव लेकर आता है। इस समय मानसून की बारिश धीरे-धीरे कम होने लगती है और प्रकृति अपने पूरे यौवन में नजर आती है। हरियाली अपने चरम पर होती है और आसमान में बादलों की आवाजाही के बीच सूरज की किरणें एक अलग ही सौंदर्य बिखेरती हैं। अगस्त का महीना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान कई प्रमुख त्योहार और व्रत मनाए जाते हैं, जो लोगों को उनकी आस्था और परंपराओं से जोड़ते हैं। इन त्योहारों के दौरान लोग अपने घरों और आसपास के वातावरण को सजाते हैं, नए वस्त्र पहनते हैं और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं। इस माह में रक्षाबंधन, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी और ऋषि पंचमी जैसे पर्व प्रमुख हैं। आइए, भक्तवत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि अगस्त 2025 में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

अगस्त 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर लिस्ट यहां देखें

  • 01 अगस्त (रविवार): मासिक दुर्गा अष्टमी

यह दिन देवी दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

  • 03 अगस्त (मंगलवार): मित्रता दिवस

यह दिन मित्रता के महत्व को दर्शाता है और लोगों को अपने मित्रों के साथ समय बिताने और उनकी भावनाओं को समझने का अवसर प्रदान करता है।

  • 04 अगस्त (बुधवार): सावन माह का चौथा सोमवार

सावन के सोमवार का विशेष महत्व है और इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।

  • 05 अगस्त (गुरुवार): सावन माह का अंतिम मंगला गौरी व्रत और पुत्रदा एकादशी

मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है और पुत्रदा एकादशी पुत्र प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है।

  • 06 अगस्त (शुक्रवार): सावन माह का अंतिम प्रदोष व्रत (बुध प्रदोष)

यह दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें बुध प्रदोष व्रत का महत्व है।

  • 08 अगस्त (रविवार): वरलक्ष्मी व्रत और हयग्रीव जयंती

यह दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें वरलक्ष्मी व्रत का महत्व है और भगवान विष्णु के अवतार हयग्रीव की जयंती मनाई जाती है।

  • 09 अगस्त (सोमवार): सावन पूर्णिमा (श्रावण), रक्षा बंधन, गायत्री जयंती, संस्कृत दिवस और नारली पूर्णिमा

यह दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन के रूप में मनाया जाता है, साथ ही गायत्री जयंती और संस्कृत दिवस का भी विशेष महत्व है।

  • 10 अगस्त (मंगलवार): भाद्रपद माह का आरंभ

यह दिन हिंदू कैलेंडर के नए महीने भाद्रपद की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं।

  • 12 अगस्त (गुरुवार): संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीजवारी तीज और बहुला चतुर्थी

यह दिन भगवान गणेश की पूजा और महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले कजरी तीज के रूप में मनाया जाता है, जिसमें महिलाओं की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है।

  • 14 अगस्त (शनिवार): बलराम जयंती

यह दिन भगवान बलराम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे और कृष्ण के साथ उनकी लीलाओं का विशेष महत्व है।

  • 15 अगस्त (रविवार): मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, शीतला सातम, आद्याकाली जयन्ती और स्वतंत्रता दिवस

यह दिन भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, साथ ही शीतला सातम और आद्याकाली जयन्ती का भी विशेष महत्व है और भारत की स्वतंत्रता की याद में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

  • 16 अगस्त (सोमवार): दही हांडी, मासिक कार्तिगाई और कालाष्टमी

यह दिन जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का प्रतीक दही हांडी का विशेष महत्व है।

  • 17 अगस्त (मंगलवार): सिंह संक्रांति, मलयालम नव वर्ष और रोहिणी व्रत

यह दिन सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश का दिन है, मलयालम नव वर्ष केरल का नव वर्ष है और रोहिणी व्रत का विशेष महत्व है।

  • 19 अगस्त (गुरुवार): अजा एकादशी

यह दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

  • 20 अगस्त (शुक्रवार): भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत (बुध प्रदोष)

यह दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें बुध प्रदोष व्रत का महत्व है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

  • 21 अगस्त (शनिवार): मासिक शिवरात्रि

यह दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें मासिक शिवरात्रि का महत्व है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

  • 22 अगस्त (रविवार): पिठोरी अमावस्या और दर्श अमावस्या

यह दिन पितरों की पूजा और तर्पण के लिए विशेष दिन है, जिसमें पिठोरी अमावस्या और दर्श अमावस्या का महत्व है।

  • 23 अगस्त (सोमवार): भाद्रपद अमावस्या

यह दिन पितरों की पूजा और तर्पण के लिए विशेष दिन है, जिसमें भाद्रपद अमावस्या का महत्व है।

  • 24 अगस्त (मंगलवार): चंद्र दर्शन

यह दिन चंद्रमा के दर्शन के लिए विशेष दिन है, जिसमें चंद्रमा की पूजा और आराधना का महत्व है।

  • 25 अगस्त (बुधवार): वराह जयंती

यह दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है।

  • 26 अगस्त (गुरुवार): हरतालिका तीज और गौरी हब्बा

यह दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें देवी पार्वती की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है।

  • 27 अगस्त (शुक्रवार): गणेश चतुर्थी और विनायक चतुर्थी

यह दिन भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें गणेश चतुर्थी और विनायक चतुर्थी का महत्व है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

  • 28 अगस्त (शनिवार): स्कन्द षष्ठी और ऋषि पंचमी

यह दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और ऋषियों की पूजा के लिए विशेष दिन है, जिसमें स्कन्द षष्ठी और ऋषि पंचमी का महत्व है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

  • 30 अगस्त (सोमवार): ललिता सप्तमी

यह दिन देवी ललिता की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, जिसमें ललिता सप्तमी का महत्व है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

  • 31 अगस्त (मंगलवार): राधा अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी और महालक्ष्मी व्रत का आरंभ

यह दिन देवी राधा की पूजा और आराधना के लिए विशेष दिन है, साथ ही मासिक दुर्गाष्टमी और महालक्ष्मी व्रत का भी विशेष महत्व है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

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