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दिसंबर 2025 तीसरे हफ्ते के व्रत-त्योहार

दिसंबर 2025 तीसरे हफ्ते के व्रत-त्योहार

December 2025 Vrat Tyohar: सफला एकादशी से लेकर चंद्र दर्शन तक, दिसंबर के तीसरे हफ्ते में पड़ेंगे ये त्योहार

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से दिसंबर साल का 12वां महीना होता है। दिसंबर का तीसरा हफ्ता विभिन्न व्रत और त्योहारों के मामले में सामान्य रहने वाला है। इस हफ्ते में सफला एकादशी, मासिक शिवरात्रि, दर्श अमावस्या और अन्य शामिल हैं। ये व्रत न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं, बल्कि हमारे जीवन को अध्यात्मिक और धार्मिक मूल्यों से भी भरते हैं। आइए इस आर्टिकल में दिसंबर के तीसरे हफ्ते में पड़ने वाले इन महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में जानते हैं। साथ ही उनके धार्मिक महत्व को समझते हैं।

15 से 21 दिसंबर 2025 के व्रत-त्योहार

  • 15 दिसंबर 2025- सफला एकादशी
  • 16 दिसंबर 2025- सफला एकादशी पारण, कृष्ण मत्स्य द्वादशी, धनु संक्रांति
  • 17 दिसंबर 2025- बुध प्रदोष व्रत
  • 18 दिसंबर 2025- मासिक शिवरात्रि
  • 19 दिसंबर 2025- दर्श अमावस्या
  • 20 दिसंबर 2025- कोई व्रत और त्योहार नहीं 
  • 21 दिसंबर 2025- साल का सबसे छोटा दिन, चन्द्र दर्शन

15 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

15 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • सोमवार का व्रत - आज आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित है।
  • सफला एकादशी - सफला एकादशी, पौष माह में आने वाली वह पावन तिथि है जिसे जीवन में सफलता और सौभाग्य प्रदान करने वाली माना गया है। जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है- यह एकादशी हर कार्य को सफल बनाने वाली कही गई है। इस दिन व्रत, पूजा और भगवन्नाम का स्मरण करने से व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा, सकारात्मकता और उन्नति आती है। श्रीहरि के भक्तों के लिए यह एकादशी विशेष महत्व रखती है क्योंकि माना जाता है कि इस व्रत से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन के हर क्षेत्र में शुभ फल प्राप्त होते हैं।

16 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

16 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • मंगलवार का व्रत - आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है।
  • कृष्ण मत्स्य द्वादशी - मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी के बाद लगभग पंद्रह दिन बाद आने वाली कृष्ण पक्ष द्वादशी को ही कृष्ण मत्स्य द्वादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु के प्रथम अवतार - मत्स्य अवतार को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु या उनके मत्स्य रूप की पूजा करने से अनेक यज्ञों के बराबर पुण्य फल मिलता है। भविष्यपुराण में वर्णित सम्प्राप्ति द्वादशी व्रत भी इसी तिथि से जुड़ा है, जिसे दुर्लभ मनोकामनाओं की सिद्धि और लौकिक-पारलौकिक सुख प्रदान करने वाला माना गया है।
  • धनु संक्रांति - जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, उसी दिन धनु संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य प्रत्येक माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं और उनके इस गोचर को ही संक्रांति कहा जाता है। धनु संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और तत्पश्चात दान-पुण्य करने की परंपरा है, जिससे विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।

17 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

17 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • बुधवार का व्रत - आज आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है।
  • बुध प्रदोष व्रत - प्रदोष व्रत चंद्र मास की हर शुक्ल और कृष्ण त्रयोदशी को रखा जाता है, जब त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) में आती है। यह समय शिव उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। जब प्रदोष बुधवार को पड़े, तो उसे बुध प्रदोष कहते हैं। यह व्रत बुध ग्रह से संबंधित बुद्धि, वाणी, तर्क, व्यापार और मेधा शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता है। विद्यार्थियों, व्यापारियों और बुध दोष से पीड़ित लोगों के लिए बुध प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना गया है।

18 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

18 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
  • मासिक शिवरात्रि - महाशिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के मिलन का विशेष पर्व है, जो हर साल फाल्गुन या माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे और भगवान विष्णु के साथ ही ब्रह्माजी ने उनकी पूजा की थी। महाशिवरात्रि भगवान शिव के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है और श्रद्धालु इस दिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से कठिन कार्य भी पूरे हो सकते हैं। इस व्रत को विवाहित जीवन में सुख-शांति और विवाह की कामना के लिए भी किया जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि विशेष शुभ मानी जाती है। शिवरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में निशिता काल के दौरान की जाती है, जो भगवान शिव के भोले-भाले स्वभाव को दर्शाती है।

19 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

19 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
  • दर्श अमावस्या - हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या पितरों को समर्पित एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसमें रात के समय विशेष उपाय किए जाते हैं। ये उपाय जीवन में सुख-समृद्धि लाने और बिगड़े कामों को बनाने में प्रभावी माने जाते हैं। दर्श अमावस्या की रात में किए जाने वाले उपाय पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने, नकारात्मकता को दूर करने और चंद्र दोष को शांत करने से संबंधित होते हैं, जो रुके हुए कार्यों को गति देते हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।

20 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

20 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो शनि देव को समर्पित है।

21 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहार 

21 दिसंबर 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:

  • रविवार का व्रत- आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है।
  • साल का सबसे छोटा दिन - अयनकाल वर्ष में दो बार—जून और दिसंबर में होने वाली एक खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी की धुरी का सूर्य की ओर झुकाव 23° 26' के अधिकतम स्तर पर होता है और सूर्य आकाश में अपनी चरम स्थिति पर दिखाई देता है। जून अयनकाल उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन और दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन लाता है। इसके विपरीत, दिसंबर अयनकाल उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा और दक्षिणी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है।
  • चंद्र दर्शन - अमावस्या के बाद अगले दिन आने वाला चन्द्र दर्शन दिवस धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन लोग उपवास रखकर सूर्यास्त के बाद दिखने वाले क्षणिक चन्द्रमा के दर्शन कर भोजन करते हैं। ज्योतिष में इसकी गणना कठिन होती है क्योंकि सूर्यास्त के तुरंत बाद चन्द्रमा बहुत थोड़े समय के लिए दिखाई देता है और सूर्य व चन्द्रमा लगभग एक ही क्षितिज पर होते हैं।

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