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मढ़िया में जाके बोए जवारे (Madhiya Mein Jaake Boye Jaware)

मढ़िया में जाके बोए जवारे (Madhiya Mein Jaake Boye Jaware)

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।


मढ़िया में जाके बोए जवारे,

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।


मढ़िया में जाके बोए जवारे,

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।


अनगिनत सीढ़ियां मैय्या तोरी, कैसे चढ़कर आऊं।

कैसे चढ़कर आऊं मैय्या, कैसे चढ़कर आऊं।

शक्ति मुझको देना मैय्या, सीढ़ियां 

चढ़ में आऊं।

सीढ़ियां चढ़ में आऊं मैय्या, सीढ़ियां चढ़ में आऊं।

ढोल, मंजीरा, मृदंग बजाऊं।

ढोल, मंजीरा, मृदंग बजाऊं।

लेके में आऊं लाल लाल खंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।


पंडा बाबा अर्जी लगा दो, आए हैं मां के द्वार में।

आए हैं मां के द्वार में,

आए हैं मां के द्वार में।

मैय्या के जल्दी से दर्शन करा दो, कब से खड़े दरबार में।

कब से खड़े दरबार में, कब से खड़े दरबार में।

पान, सुपारी भेंट में लाए,

पान, सुपारी भेंट में लाए और लाए हैं नरियल का बंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।


राजे सुमन मां रोज मिलत हैं, मैय्या तुमरे भवनों में।

मैय्या तुमरे भवनों में, मैय्या तुमरे भवनों में।

श्रद्धा सुमन भी भेंट में लाए, आज तुम्हारे चरणों में।

आज तुम्हारे चरणों में, आज तुम्हारे चरणों में।

द्वार तुम्हारे धूम मची है,

द्वार तुम्हारे धूम मची है, नाच रहे मां बड़े बड़े पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

मढ़िया में जाके बोए जवारे,

ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।

वाह, वाह पंडा रे, वाह, वाह पंडा।


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कृष्ण जन्माष्टमी स्त्रोत

पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 3 का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

श्री कृष्ण चालीसा

सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना गया है। उनका जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।

दिखा दे थारी सुरतियाँ(Dikha de Thari Suratiya)

श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा
मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा ,

दिखाऊं कोनी लाड़लो, नजर लग जाए(Dikhao Koni Ladlo Najar Lag Jaaye)

दिखाऊं कोनी लाड़लो,
नजर लग जाए,

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