गुण गावा दिन रात गुण गवा,
विसर नाही दातार अपना नाम देहो,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
सतनाम श्री वाहेगुरु सतनाम श्री वाहेगुरु,
सिमरत वेद पुराण पुकारन को थइयाँ,
नाम बिना सब कुड गली हो छियां,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
नाम निधान अपार भगता मन वसे,
जन्म मरण मोह दुःख साधु संग नसे,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
मोहे बाद ओंकार सिर पर रुनिया,
सुख न पाए मूल नाम विशुनिया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
मेरी मेरी ता बंधन बंदेया,
नर्क सुरग अवतार नाया धंदेया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
सोधक सोधक सोध तख विचारया,
नाम बिना सुख ना ही सिर पर हारिया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
आवे यहे अनेक मर मर जन्म ते,
बिन भुजे सब वाद जूनि भरम ते,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
जिनको भये दयान तीन साधु संग पिया,
अमृत हल्का नाम तीनि जनि जप लिया,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो,
खोजे कोट असंख बहुत अंतंत के,
जिस भुजाये आप नेडा तिस हे,
गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर आप देश के विभिन्न प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। ये विशेष पर्व हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नौ दिनों तक चलता है। इस बार 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
चैत्र नवरात्रि शक्ति और विश्वास के साथ पूजा करने का सर्वोत्तम समय माना जाता है, लेकिन इस साल चैत्र नवरात्रि केवल पूजा-पाठ के लिए ही नहीं, बल्कि कुछ राशियों के लिए एक नई शुरुआत का मौका भी है।
इस साल की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास होने वाली है, क्योंकि इस साल शुक्र और बृहस्पति का खास संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धन और भोग विलास के प्रतीक शुक्र, अपने प्रतिकूल गुरु बृहस्पति के नक्षत्र "पूर्वाभाद्रपद" में प्रवेश करने वाले हैं।