होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा(Holi Khel Rahe Banke Bihari Aaj Rang Baras Raha)

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा ,

और झूम रही दुनिया सारी,

आज रंग बरस रहा ॥


अबीर गुलाल के बादल छा रहे है,

होरी है होरी है छोर मचा रहे,

झोली भर के गुलाल कि मारी,

आज रंग बरस रहा ॥


देख देख सखियन के मन हर्षा रहे,

मेरे बांके बिहारी आज प्रेम बरसा रहे,

उनके संग में हैं राधा प्यारी,

आज रंग बरस रहा ॥


आज नंदलाला ने धूम मचाई है,

प्रेम भरी होली कि झलक दिखायी है,

रंग भर भर के मारी पिचकारी,

आज रंग बरस रहा ॥


अबीर गुलाल और ठसो का रंग है,

वृंदावन बरसानो झूम रह्यो संग है,

मैं बार बार जाऊं बलिहारी ॥


........................................................................................................
बड़े तुम्हारे है उपकार मैया(Bade Tumhare Hai Upkar Maiya)

बड़े तुम्हारे है उपकार मैया,
तुमने जो होके दयाल,

करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)

करो हरी का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती हे,

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Tantroktam Ratri Suktam)

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी तंत्र से युक्त रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला, कीलक और वेदोक्त रात्रि सूक्त के बाद किया जाता है।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये (Tune Mujhe Bulaaya Shera Vaaliye)

साँची ज्योतो वाली माता,
तेरी जय जय कार ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने