ये तुम्हारी है कृपा माँ,
तेरा दर्शन हो रहा,
तेरा दर्शन हो रहा माँ,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
माँ तेरे नवरात्रे आये,
सारे जग में धूम है,
हो रहा घर घर में कीर्तन,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
सज गए मंदिर तुम्हारे,
भीड़ दर पे हो गयी,
हो रहा है पूजा अर्चन,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
हर जुबाँ पे नाम तेरा,
हर तरफ जलवा तेरा,
नौ नौ रूपों का है वंदन,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
तू ही माता तू विधाता,
सृष्टि तेरे हाथ में,
दुनिया है तुमसे ही रोशन,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
देवता भी कर रहे है,
फूलों की वर्षा घनी,
कर रहे त्रिदेव वंदन,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
देना हमको सेवादारी,
‘चोखानी’ की अर्ज है,
सेवा में अर्पित है तन मन,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
ये तुम्हारी है कृपा माँ,
तेरा दर्शन हो रहा,
तेरा दर्शन हो रहा माँ,
तेरा दर्शन हो रहा,
ये हमारा भाग्य है माँ ,
तेरा दर्शन हो रहा ॥
हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का विशेष महत्व है और उनमें नौवां संस्कार है कर्णवेध। यह संस्कार बच्चे के कान छिदवाने का समय होता है जो सामान्यतः 1 से 5 वर्ष की उम्र में किया जाता है।
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से 10वां संस्कार है। यह संस्कार पुरुषों में जनेऊ धारण करने की पारंपरिक प्रथा को दर्शाता है, जो सदियों से चली आ रही है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"।
बच्चे के जन्म के बाद हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार कहा जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
माघ महीने का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है खासकर जब बात विवाह की आती है। इस महीने में गंगा स्नान और भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही दान-पुण्य और मांगलिक कार्यों के लिए यह महीना अत्यंत शुभ माना जाता है।