धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।
क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।
एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।
क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।
एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।
हो.....
जगराता तेरा गांव मैय्या, रोज मुझे वो रैन मिले।
तेरे चरण ही मेरी शरण हैं और कहीं न चैन मिले।
जगराता तेरा गांव मैय्या, रोज मुझे वो रैन मिले।
तेरे चरण ही मेरी शरण हैं और कहीं न चैन मिले।
तू ही पुण्य प्रताप है मेरा, तू ही कर्म कमाई है।
तू ही पुण्य प्रताप है मेरा, तू ही कर्म कमाई है।
क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।
एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।
क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।
एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।
कौन डिगाये पथ से उसे, जो तुझपे भरोसा करले मां।
भरके पलक में तुझे निहारूं, तेरी छवि मुझे हरले मां।
कौन डिगाये पथ से उसे, जो तुझपे भरोसा करले मां।
भरके पलक में तुझे निहारूं, तेरी छवि मुझे हरले मां।
दर्द है लाखों दुनिया में, तू सब दर्दों की दवाई है।
दर्द है लाखों दुनिया में, तू सब दर्दों की दवाई है।
क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।
एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।
क्या मांगे वो बेटा जिसने मां की ममता पाई है।
एक तरफ है ये जग सारा एक तरफ मेरी माई है।
हां...
हो...
हिंदू पंचांग में कालाष्टमी एक विशेष तिथि मानी जाती है, जो प्रत्येक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है। यह दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 18 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के साथ बुधवार का दिन है। इसके साथ ही आज पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के साथ प्रीति और आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है।
हिंदू धर्म में कालाष्टमी तिथि को भगवान शिव के रौद्र और रक्षक रूप काल भैरव की उपासना का विशेष दिन माना जाता है। हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाने वाली यह मासिक कालाष्टमी तिथि भक्तों के लिए भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने का एक शुभ अवसर होती है।
हिंदू धर्म में कालाष्टमी तिथि भगवान शिव के रक्षक और उग्र रूप काल भैरव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 2025 में यह शुभ तिथि 18 जून, बुधवार को आ रही है।