भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ
काहे दी मैया तेरी आरती बनावां
काहे दी मैया तेरी आरती बनावां
काहे दी पावां विच बाती
मंदिर विच आरती जय माँ
सुहे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावां
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावां
अगर कपूर पावां बाती
मंदिर विच आरती जय माँ
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया
कौन जागेगा सारी रात
मंदिर विच आरती जय माँ
सच्चियां ज्योतां वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे
ज्योत जागेगी सारी रात
मंदिर विच आरती जय माँ
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ
(हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ)
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा
जिस तेरा भवन बनाया
मंदिर विच आरती जय माँ
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ
(हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ)
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे
जो ध्यावे सो, यो फल पावे
रख बाणे दी लाज
मंदिर विच आरती जय माँ
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ
(भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच
आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
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कल्पवास हिंदू धर्म की एक विशेष धार्मिक परंपरा है, जो माघ महीने में प्रयागराज के संगम तट पर की जाती है। यह व्रत व्यक्ति को भगवान के और करीब लाने में मदद करता है। इस बार माघ माह 21 जनवरी से शुरु हो रहा है।
प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत अगले महीने होने जा रही है। यह 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा। इस दौरान 6 शाही स्नान होंगे। पंचागों के मुताबिक ऐसा संयोग 144 साल में बना है।
महाकुंभ मेला भारत की आध्यात्मिक संस्कृति का अद्वितीय पर्व है। इसे आस्था, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक माना जाता है। वहीं कुंभ में होने वाले शाही स्नान का भी खास महत्व है।
महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है। इस बार कुंभ का आयोजन तीर्थ नगरी प्रयागराज में हो रहा है। जिसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई है। 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे।