मेरी मैया चली,
असुवन धारा बही,
नौ दिन मैया ने,
बेटो की विपदा हरी,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही ॥
सारे जगत की है महारानी,
भक्तों की श्रद्धा माता ने जानी,
दिल में है खलबली,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही ॥
मैया अतिथि बन कर आई,
जगमग दीपक ज्योत जलाई,
सब की बिगड़ी बनी,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही ॥
आज विदाई मैया की आई,
भक्तो ने महिमा मैया की गाई,
मन में ज्योत जली,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही ॥
दास की विनती सुनलो
सब की अर्जी माँ पूरी करदो,
रेवा के तीर चली,
असुवन धारा बही,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही ॥
मेरी मैया चली,
असुवन धारा बही,
नौ दिन मैया ने,
बेटो की विपदा हरी,
मेरी मैया चलीं,
असुवन धारा बही ॥
हिंदू धर्म में लक्ष्मी जयंती का विशेष महत्व है। दिन में माता लक्ष्मी की विधि रूप से पूजा करने से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
स्वामीनारायण जयंती हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान स्वामीनारायण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में माता महातारा को आदि शक्ति का एक दिव्य और शक्तिशाली रूप माना जाता है। दस महाविद्याओं में से एक, महातारा देवी को ज्ञान, सिद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।
हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं का विशेष स्थान है, जिनमें से एक देवी महातारा हैं। उन्हें शक्ति, ज्ञान और विनाश की देवी माना जाता है। देवी महातारा का स्वरूप गहरे नीले रंग का होता है, उनकी चार भुजाएं होती हैं और वे त्रिनेत्री हैं।