मोहे होरी में कर गयो तंग ये रसिया माने ना मेरी(Mohe Hori Mein Kar Giyo Tang Ye Rashiyan Mane Na Meri)

मोहे होरी में कर गयो तंग ये रसिया माने ना मेरी,

माने ना मेरी माने ना मेरी,

मोहे होली में कर गयो तंग ॥


ग्वाल बालन संग घेर लई मोहे इकली जान के,

भर भर मारे रंग पिचकारी मेरे सन्मुख तान के,

या ने ऐसो,

या ने ऐसो या ने ऐसो मचायो हुरदंग,

ये रसिया माने ना मेरी ॥


जित जाऊँ मेरे पीछे डोले जान जान के अटके,

ना माने होरी में कहूं की ये तो गलिन गलिन में मटके,

ना ऐ होरी,

ना ऐ होरी ना ऐ होरी खेलन को ढंग,

ये रसिया माने ना मेरी ॥


रंग बिरंगे चित्र विचित्र बनाए दिए होरी में,

पिचकारी में रंग रीत गयो भर ले कमोरी ते,

पागल ने,

पागल ने पागल ने छनाए दई भंग,

ये रसिया माने ना मेरी ॥

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अग्नि देवता की पूजा विधि क्या है?

सनातन धर्म में अग्नि देवता को देवताओं का मुख माना जाता है। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच एक संदेशवाहक भी माने जाते हैं। अग्नि देवता यज्ञों के देवता भी हैं।

चाहे सुख हो दुःख हो, एक ही नाम बोलो जी (Chahe Sukh Ho Dukh Ho Ek Hi Naam Bolo Ji)

चाहे सुख हो दुःख हो,
एक ही नाम बोलो जी,

स्कंद षष्ठी व्रत कैसे करें

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत किया जाता है। माघ माह की स्कंद षष्ठी 3 फरवरी 2025 को पड़ेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था।

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ (Hey Jyoti Roop Jwala Maa)

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।

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