मोहे होरी में कर गयो तंग ये रसिया माने ना मेरी,
माने ना मेरी माने ना मेरी,
मोहे होली में कर गयो तंग ॥
ग्वाल बालन संग घेर लई मोहे इकली जान के,
भर भर मारे रंग पिचकारी मेरे सन्मुख तान के,
या ने ऐसो,
या ने ऐसो या ने ऐसो मचायो हुरदंग,
ये रसिया माने ना मेरी ॥
जित जाऊँ मेरे पीछे डोले जान जान के अटके,
ना माने होरी में कहूं की ये तो गलिन गलिन में मटके,
ना ऐ होरी,
ना ऐ होरी ना ऐ होरी खेलन को ढंग,
ये रसिया माने ना मेरी ॥
रंग बिरंगे चित्र विचित्र बनाए दिए होरी में,
पिचकारी में रंग रीत गयो भर ले कमोरी ते,
पागल ने,
पागल ने पागल ने छनाए दई भंग,
ये रसिया माने ना मेरी ॥
हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस दिन विशेष उपाय करने से जीवन की विभिन्न समस्याओं से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी उपाय...
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक चंद्र मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए भक्त हर महीने इस तिथि को उनका जन्मोत्सव मनाते हैं।
हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत किया जाता है। माघ माह की स्कंद षष्ठी 3 फरवरी 2025 को पड़ेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था।
हिन्दू धर्म के अनुसार, भगवान विष्णु समय-समय पर धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए अवतार लेते हैं। कल्कि, विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार माने जाते हैं।