आरती अन्नपूर्णा माता जी की (Aarti Annapurna Mata Ji Ki)

 ॥ श्री अन्नपूर्णा माता जी की आरती ॥

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।

जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम।

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारे, लेते होत सब काम॥

प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,कालान्तर तक नाम।

बारम्बार प्रणाम...

सुर सुरों की रचना करती,कहाँ कृष्ण कहाँ राम॥

चूमहि चरण चतुर चतुरानन,चारु चक्रधर श्याम।

बारम्बार प्रणाम...

चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर,शोभा लखहि ललाम॥

देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तव नाम।

बारम्बार प्रणाम...

त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,शरण रूप तव धाम॥

श्रीं, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या,श्रीं क्लीं कमल काम।

बारम्बार प्रणाम...

कान्तिभ्रांतिमयी कांति शांतिमयी वर देतु निष्काम॥

बारम्बार प्रणाम...

बोलिये अन्नपूर्णा माता की जय

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भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार

देवों के देव महादेव यानी भगवान शिव के कई रूप और अवतार हैं। उनके संहारक स्वरूप को रुद्र कहा जाता है जिसका अर्थ है दुखों को हरने वाला। महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के 11 रुद्र अवतारों की पूजा का विशेष महत्व है।

श्री गणपति स्तोत्रम् (Shri Ganpati Stotram)

जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता
स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।

तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है: भजन (Tere Naam Ka Diwana Tere Dwar Pe Aa Gaya Hai)

तेरे नाम का दीवाना,
तेरे द्वार पे आ गया है,

भगवत गीता चालीसा ( Bhagwat Geeta Chalisa )

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||

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