आरती श्री जानकीनाथ जी की (Aarti Shri Jankinath Ji Ki)

ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।

दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

ॐ जय जानकीनाथा..


तुम रघुनाथ हमारे, प्राण, पिता माता।

तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति दाता॥

ॐ जय जानकीनाथा...


लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा।

निसिदिन प्रभु मोहि रखियेअपने ही पासा॥

ॐ जय जानकीनाथा...


राम भरत लछिमन, सँग शत्रुहन भैया।

जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया॥

ॐ जय जानकीनाथा...


हनुमत नाद बजावत,नेवर झमकाता।

स्वर्णथाल कर आरती, कौशल्या माता॥

ॐ जय जानकीनाथा...


सुभग मुकुट सिर, धनु सर, कर सोभा भारी।

तुलसीदास दर्शन करि, पल-पल बलिहारी॥

ॐ जय जानकीनाथा...


ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।

दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

ॐ जय जानकीनाथा..


बोलिये श्रीरामचन्द्रजी की जय

........................................................................................................
गलियां जरा सजा दो, महाकाल आ रहे है (Galiyan Jara Saja Do Mahakal Aa Rahe Hai)

गलियां जरा सजा दो,
महाकाल आ रहे है ॥

बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है(Mohan Se Dil Kyun Lagaya Hai)

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,