ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥
ॐ जय जानकीनाथा..
तुम रघुनाथ हमारे, प्राण, पिता माता।
तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति दाता॥
ॐ जय जानकीनाथा...
लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा।
निसिदिन प्रभु मोहि रखियेअपने ही पासा॥
ॐ जय जानकीनाथा...
राम भरत लछिमन, सँग शत्रुहन भैया।
जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया॥
ॐ जय जानकीनाथा...
हनुमत नाद बजावत,नेवर झमकाता।
स्वर्णथाल कर आरती, कौशल्या माता॥
ॐ जय जानकीनाथा...
सुभग मुकुट सिर, धनु सर, कर सोभा भारी।
तुलसीदास दर्शन करि, पल-पल बलिहारी॥
ॐ जय जानकीनाथा...
ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥
ॐ जय जानकीनाथा..
बोलिये श्रीरामचन्द्रजी की जय
जगमग जगमग जोत जली है।
राम आरती होन लगी है॥
जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।
जागरण की रात मैया,
जागरण में आओ,
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।