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आरती प्रेतराज की (Aarti Pretraj Ki)

आरती प्रेतराज की (Aarti Pretraj Ki)

 ॥ आरती प्रेतराज की कीजै ॥ आरती प्रेतराज की कीजै.... दीन दुखिन के तुम रखवाले,संकट जग के काटन हारे। बालाजी के सेवक जोधा,मन से नमन इन्हें कर लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे। उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... बाबा के तुम आज्ञाकारी, हाथी पर करे ये सवारी। भूत जिन्न सब थर-थर काँपे, अर्जी बाबा से कह दीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... जिन्न आदि सब डर के मारे, नाक रगड़ तेरे पड़े दुआरे। मेरे संकट तुरतहि काटो, यह विनय चित्त में धरि लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... वेश राजसी शोभा पाता, ढाल कृपाल धनुष अति भाता। मैं आनकर शरण आपकी, नैया पार लगा मेरी दीजै। आरती प्रेतराज की कीजै....

बोलिये श्रीप्रेतराज सरकार की जय

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गंधर्व पूजा कैसे करें

चित्ररथ को एक महान गंधर्व और देवताओं के प्रिय संगीतज्ञ के रूप में माना जाता है। वह स्वर्गलोक में देवताओं के महल में निवास करते थे। उनका संगीत और गायन दिव्य था। ऐसा कहा जाता है कि कहा जाता है कि चित्ररथ के संगीत और गान में इतनी शक्ति थी कि वे अपने गाने से भगवान शिव और अन्य देवताओं को प्रसन्न कर सकते थे।

मंदिर बनेगा धीरे धीरे: रामजी भजन (Ramji Ka Mandir Banega Dheere Dheere)

रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे

रामजी की निकली सवारी (Ramji Ki Nikali Sawari Ramji Ki Leela Hai Nayari)

सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला
हाथ धनुष गले में पुष्प माला

रामजी ओ रामजी सांचो तेरो नाम जी (Ramji O Ramji Sancho Tero Naamji)

जय रामजी, जय रामजी
जय रामजी, जय रामजी

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