Logo

भागीरथ-नंदिनी जी की आरती (Bhagirath-Nandini Ji Ki Aarti)

भागीरथ-नंदिनी जी की आरती (Bhagirath-Nandini Ji Ki Aarti)

जय जय भगीरथ-नंदिनी, मुनि-चय चकोर-चन्दिनी,

नर-नाग-बिबुध-वंदिनी, जय जह्नुबालिका।

जय जय भगीरथ-नंदिनी...


विष्णु-पद-सरोज-राशि, ईश-शीश पर बिभासि,

त्रिपथगासि, पुन्यराशि,पाप-छालिका॥

जय जय भगीरथ-नंदिनी...


विमल विपुल बहसि बारि, शीतल त्रयताप-हारि,

भँवर बर बिभन्ग-तर, तरन्ग-मालिका॥

जय जय भगीरथ-नंदिनी...


पुरजन पूजोपहार शोभित, शशि धवल धार,

भंजन भव-भार,भक्ति-कल्प थालिका॥

जय जय भगीरथ-नंदिनी...


निज तट वासी बिहन्ग,जल-थल-चर पशु-पतन्ग,

कीट, जटिल तापस,सब सरिस पालिका।

जय जय भगीरथ-नंदिनी...


तुलसी तव तीर तीर, सुमिरत रघुवंश-वीर,

बिचरत मति देहि, मोह-महिष-कालिका॥

जय जय भगीरथनन्दिनि...


जय जय भगीरथ-नंदिनी, मुनि-चय चकोर-चन्दिनी,

नर-नाग-बिबुध-वंदिनी, जय जह्नुबालिका॥


भगीरथ-नंदिनी मैया गंगा की जय


भागीरथ-नंदिनी जी की आरती का शुभ समय और इससे होने वाले लाभ 


भागीरथ-नंदिनी जी की आरती का शुभ समय और दिन:


1. सोमवार: सोमवार का दिन भागीरथी-नंदिनी जी को समर्पित है, इसलिए इस दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

2. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करना शुभ माना जाता है।

3. अमावस्या: अमावस्या के दिन भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करना भी शुभ माना जाता है।

4. गंगा जयंती: गंगा जयंती के दिन भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।


इसके अलावा, आप भागीरथी-नंदिनी जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:


- सुबह सूर्योदय के समय

- शाम सूर्यास्त के समय

- रात्रि में दीपक जलाने के समय


आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान भागीरथी-नंदिनी जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।


भागीरथ-नंदिनी जी की आरती के लाभ: 


1. पापों का नाश: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से पापों का नाश होता है।

2. मानसिक शांति और संतुष्टि: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है।

3. आध्यात्मिक विकास: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है।

4. स्वास्थ्य में सुधार: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।

5. करियर में सफलता: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से करियर में सफलता मिलती है।

6. आर्थिक संकट से मुक्ति: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।

7. नेगेटिविटी से बचाव: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से नेगेटिविटी से बचाव होता है।

8. मोक्ष की प्राप्ति: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

9. सुख और शांति: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से सुख और शांति मिलती है।

10. दुर्भाग्य से मुक्ति: भागीरथी-नंदिनी जी की आरती करने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।


........................................................................................................
ये उत्सव बजरंग बाले का, ये लाल लंगोटे वाले का (Ye Utsav Bajrang Bala Ka Ye Lal Langote Wale Ka)

ये उत्सव बजरंग बाले का,
ये लाल लंगोटे वाले का,

विसर नाही दातार अपना नाम देहो - शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)

गुण गावा दिन रात गुण गवा,
विसर नाही दातार अपना नाम देहो,

तिरुमला को क्यों कहा जाता है धरती का बैकुंठ

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में त‍िरुमाला की सातवीं पहाड़ी पर स्थित तिरुपति मंदिर विश्व का सबसे प्रसिद्ध है। यहां आने के बाद बैकुंठ जैसी अनुभूति होती है।

भैरव बाबा की पूजा कैसे करें?

भैरव बाबा हिंदू धर्म में भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं। उन्हें तांत्रिक शक्ति और रक्षा का प्रतीक माना जाता है। साथ ही वे भक्तों के रक्षक और दुःख हरने वाले भी हैं। काल भैरव को समय और मृत्यु का देवता माना जाता है।

यह भी जाने
HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang