जय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥
जय धन्वन्तरि देवा...
तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट, आकर दूर किए॥
जय धन्वन्तरि देवा...
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया॥
जय धन्वन्तरि देवा...
भुजा चार अति सुन्दर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से, शोभा भारी॥
जय धन्वन्तरि देवा...
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे॥
जय धन्वन्तरि देवा...
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा
वैद्य-समाज तुम्हारे, चरणों का घेरा॥
जय धन्वन्तरि देवा...
धन्वन्तरिजी की आरती, जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे॥
जय धन्वन्तरि देवा...
जय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥
श्री धन्वंतरि भगवान की जय
धन्वन्तरी जी की आरती किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन इन दिनों में करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है:
1. धन्वन्तरी जयंती: धन्वन्तरी जयंती के दिन धन्वन्तरी जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
2. दीपावली: दीपावली के दिन धन्वन्तरी जी की आरती करना शुभ माना जाता है।
3. बुधवार: बुधवार का दिन धन्वन्तरी जी को समर्पित है, इसलिए इस दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
4. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन धन्वन्तरी जी की आरती करना शुभ माना जाता है।
इसके अलावा, आप धन्वन्तरी जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:
- सुबह सूर्योदय के समय
- शाम सूर्यास्त के समय
- रात्रि में दीपक जलाने के समय
आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान धन्वन्तरी जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।
1. धन्वन्तरी जी की आरती करने से भगवान विष्णु के अवतार की कृपा प्राप्त होती है।
2. रोगों से मुक्ति: धन्वन्तरी जी की आरती करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।
3. आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि: धन्वन्तरी जी की आरती करने से आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
4. ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि: धन्वन्तरी जी की आरती करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
5. सुख और शांति: धन्वन्तरी जी की आरती करने से सुख और शांति मिलती है।
6. नेगेटिविटी से बचाव: धन्वन्तरी जी की आरती करने से नेगेटिविटी से बचाव होता है।
7. आध्यात्मिक विकास: धन्वन्तरी जी की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है।
8. मन की शांति: धन्वन्तरी जी की आरती करने से मन की शांति मिलती है।
9. सफलता और समृद्धि: धन्वन्तरी जी की आरती करने से सफलता और समृद्धि मिलती है।
10. पापों का नाश: धन्वन्तरी जी की आरती करने से पापों का नाश होता है।
11. मोक्ष की प्राप्ति: धन्वन्तरी जी की आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का व्रत विशेष रूप से सूर्यदेव को समर्पित है। यह दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष माना जाता है।
हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है।
भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण तिथि है जो सूर्य देव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।
मेरी विनती यही है राधा रानी
कृपा बरसाए रखना