शंकर जी की आरती (Shri Shankar Ji Ki Aarti)

जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥

जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


अजर अमर अज अरूप,सत चित आनन्दरूप।

व्यापक ब्रह्मस्वरूप,भव! भव-भय-हारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


शोभित बिधुबाल भाल,सुरसरिमय जटाजाल।

तीन नयन अति विशाल,मदन-दहन-कारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


भक्त हेतु धरत शूल,करत कठिन शूल फूल।

हियकी सब हरत हूल, अचल शान्तिकारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


अमल अरुण चरण कमल, सफल करत काम सकल।

भक्ति-मुक्ति देत विमल,माया-भ्रम-टारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


कार्तिकेय युत गणेश, हिमतनया सह महेश।

राजत कैलास-देश,अकल कलाधारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


भूषण तन भूति ब्याल,मुण्डमाल कर कपाल।

सिंह-चर्म हस्ति खाल,डमरूकर धारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


अशरण जन नित्य शरण,आशुतोष आर्तिहरण।

सब बिधि कल्याण-करणजय जय त्रिपुरारी॥

जयति जयति जग-निवास॥


जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी.....


बोलिये भगवान भोलेनाथ की जय

........................................................................................................
हे जगवंदन गौरी नन्दन, नाथ गजानन आ जाओ (Hey Jag Vandan Gauri Nandan Nath Gajanan Aa Jao)

हे जगवंदन गौरी नन्दन,
नाथ गजानन आ जाओ,

बड़े बलशाली है, बाबा बजरंग बली(Bade Balshali Hai Baba Bajrangbali)

जड़ से पहाड़ों को,
डाले उखाड़,

जया एकादशी चालीसा का पाठ

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

राधा कुण्ड स्नान का महत्व और मुहूर्त

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित राधा कुंड, सनातन धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है। इसका भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी से गहरा संबंध माना जाता है।