यमुना माता जी की आरती (Yamuna Mata Ji Ki Aarti )

ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।

जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥

ॐ जय यमुना माता...


पावन श्रीयमुना जल, शीतल अगम बहै धारा।

जो जन शरण में आया, कर दिया निस्तारा॥

ॐ जय यमुना माता...


जो जन प्रातः ही उठकर, नित्य स्नान करे।

यम के त्रास न पावे, जो नित्य ध्यान करे॥

ॐ जय यमुना माता...


कलिकाल में महिमा, तुम्हारी अटल रही।

तुम्हारा बड़ा माहात्म्य, चारों वेद कही॥

ॐ जय यमुना माता...


आन तुम्हारे माता, प्रभु अवतार लियो।

नित्य निर्मल जल पीकर, कंस को मार दियो॥

ॐ जय यमुना माता...


नमो मात भय हरणी, शुभ मंगल करणी।

मन बेचैन भया है, तुम बिन वैतरणी॥

ॐ जय यमुना माता...


ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।

जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥

ॐ जय यमुना माता...


बोलिये यमुना माता की जय

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राम आरती होन लगी है ( Ram Aarti Hone Lagi Hai)

जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है..

भाद्रपद कृष्ण की अजा एकादशी (Bhaadrapad Krishn Ki Aja Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा-हे जनार्दन ! आगे अब आप मुझसे भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम और माहात्म्य का वर्णन करिये।

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

वट सावित्री पूर्णिमा पूजन विधि (Vat Savitri Purnima Pooja Vidhi)

ज्येष्ठमास की पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत