Logo

यमुना माता जी की आरती

यमुना माता जी की आरती

ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।

जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥

ॐ जय यमुना माता...


पावन श्रीयमुना जल, शीतल अगम बहै धारा।

जो जन शरण में आया, कर दिया निस्तारा॥

ॐ जय यमुना माता...


जो जन प्रातः ही उठकर, नित्य स्नान करे।

यम के त्रास न पावे, जो नित्य ध्यान करे॥

ॐ जय यमुना माता...


कलिकाल में महिमा, तुम्हारी अटल रही।

तुम्हारा बड़ा माहात्म्य, चारों वेद कही॥

ॐ जय यमुना माता...


आन तुम्हारे माता, प्रभु अवतार लियो।

नित्य निर्मल जल पीकर, कंस को मार दियो॥

ॐ जय यमुना माता...


नमो मात भय हरणी, शुभ मंगल करणी।

मन बेचैन भया है, तुम बिन वैतरणी॥

ॐ जय यमुना माता...


ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।

जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥

ॐ जय यमुना माता...


बोलिये यमुना माता की जय


वैसे तो यमुना जी की आरती करने के लिए सभी दिन शुभ माने जाते हैं, लेकिन यमुना आरती विशेष रुप से इन दिनों में की जाती है:


  1. रविवार और मंगलवार
  2. पूर्णिमा तिथि
  3. यमुना जयंती (चैत्र में शुक्ल पक्ष के छठे दिन या "षष्ठी" को मनाई जाती है)
  4. यम द्वितीया (कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है)


इसके अलावा आप यमुना जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे:


  1. सुबह सूर्योदय के समय
  2. शाम सूर्यास्त के समय
  3. रात्रि में दीपक जलाने के समय


आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान यमुना जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।


यमुना जी की आरती करने से मिलते हैं ये शुभ फल 


  1. आत्मिक शांति और मानसिक स्थिरता: यमुना जी की आरती करने से मन को शांति और स्थिरतास मिलती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  2. पापों का नाश: यमुना जी की आरती करने से पापों का नाश होता है और आत्मा की शुद्धि होती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: यमुना जी की आरती करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
  4. धन और समृद्धि: यमुना जी की आरती करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  5. सपनों की पूर्ति: यमुना जी की आरती करने से सपनों की पूर्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है।
  6. भय और चिंता से मुक्ति: यमुना जी की आरती करने से भय और चिंता से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है।
  7. आध्यात्मिक विकास: यमुना जी की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है और आत्मा को उच्च स्तर पर पहुंचाया जा सकता है।
........................................................................................................
चैत्र नवरात्रि चौथे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसमें से मां दुर्गा का चौथा रूप देवी कूष्मांडा का है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कूष्मांडा की मुस्कान से पृथ्वी का निर्माण हुआ था, इसलिए उन्हें सृष्टि का पालक भी कहा जाता है।

चैत्र नवरात्रि: मां कूष्मांडा की कथा

देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप मां कूष्मांडा का हैं, जिनकी चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन पूजा की जाती है, मां का यह स्वरूप शक्ति, ऊर्जा और आत्मज्ञान का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कूष्मांडा के मंद मुस्कान से इस सृष्टि की रचना हुई थी।

चैती छठ कब मनाई जाएगी

लोक आस्था का महापर्व चैती छठ सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। यह 4 दिनों तक चलता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है।

चैती छठ की पौराणिक कहानी

छठ सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि महापर्व है, जो चार दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जो डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होता है। ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में।

यह भी जाने
HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang