श्री लक्ष्मीनारायण जी की आरती

जय लक्ष्मी-विष्णो, स्वामी जय लक्ष्मीनारायण,


जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥


जय लक्ष्मी-विष्णो….


जय चम्पा सम-वर्णे, जय नीरदकान्ते।


जय मन्द स्मित-शोभेजय, जय अदभुत शान्ते॥


जय लक्ष्मी-विष्णो….


कमल वराभय-हस्ते, शङ्खादिकधारिन्।


जय कमलालयवासिनि, जय गरुडासनचारिन्॥


जय लक्ष्मी-विष्णो….


सच्चिन्मयकरचरणे, सच्चिन्मयमूर्ते।


दिव्यानन्द-विलासिनि, जय सुखमयमूर्ते॥


जय लक्ष्मी-विष्णो…


तुम त्रिभुवन की माता,तुम सबके त्राता।


तुम लोक-त्रय-जननी,तुम सबके धाता॥


जय लक्ष्मी-विष्णो…


तुम धन जन सुख सन्तित, जय देनेवाली।


परमानन्द विधाता, तुम हो वनमाली॥


जय लक्ष्मी-विष्णो…


तुम हो सुमति घरों में, तुम सबके स्वामी।


चेतन और अचेतनके अन्तर्यामी॥


जय लक्ष्मी-विष्णो…


शरणागत हूँ मुझ पर,कृपा करो माता।


जय लक्ष्मी-नारायण, नव-मंगल दाता॥


जय लक्ष्मी-विष्णो…


जय लक्ष्मी-विष्णो, स्वामी जय लक्ष्मीनारायण,


जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥


स्वामी जय लक्ष्मीनारायण, स्वामी जय लक्ष्मी विष्णो



बोलिये श्री लक्ष्मी-नारायण भगवान की जय


लक्ष्मीनारायण जी की आरती का शुभ समय और इसके लाभ: 


लक्ष्मीनारायण जी की आरती का शुभ समय:


1. लक्ष्मीनारायण जी की आरती सुबह और शाम को की जा सकती है, लेकिन शाम को की जाने वाली आरती अधिक शुभ मानी जाती है।

2. सुबह 7:00 से 9:00 बजे के बीच

3. शाम 5:00 से 7:00 बजे के बीच

4. पूर्णिमा के दिन: सुबह 7:00 से 9:00 बजे के बीच

5. अमावस्या के दिन: शाम 5:00 से 7:00 बजे के बीच

6. भगवान लक्ष्मीनारायण जी के जन्मोत्सव पर: सुबह 7:00 से 9:00 बजे के बीच


लक्ष्मीनारायण जी की आरती के लाभ:


1. लक्ष्मीनारायण जी की आरती करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

2. आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

3. लक्ष्मीनारायण जी की आरती करने से भगवान की कृपा से सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।

4. आरती करने से आत्मिक शांति और मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है।

5. लक्ष्मीनारायण जी की आरती करने से भगवान की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है।



........................................................................................................
भोलेनाथ के लिए इन मंत्रों का जाप करें

फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पूजा के दौरान अगर भगवान शिव के महामंत्रों का जाप किया जाए, तो इससे मृत्यु का भय दूर हो जाता है I

अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,
साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

बांके बिहारी लाल, तेरी जय होवे (Banke Bihari Laal, Teri Jai Hove)

बांके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे,

प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए (Prem Ho to Shri Hari Ka Prem Hona Chahiye)

प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों के प्रेमी उनको रोना चाहिए

यह भी जाने