1. जगदीश जी की आरती किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन कुछ विशेष समय होते हैं जब इसका विशेष महत्व होता है।
2. सुबह का समय: सुबह 7:00 से 9:00 बजे के बीच जगदीश जी की आरती करना शुभ माना जाता है।
3. शाम का समय: शाम 5:00 से 7:00 बजे के बीच जगदीश जी की आरती करना भी शुभ माना जाता है।
4. पूर्णिमा के दिन: पूर्णिमा के दिन जगदीश जी की आरती करना विशेष शुभ माना जाता है।
5. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर: भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर जगदीश जी की आरती करना विशेष शुभ माना जाता है।
6. विशेष अवसरों पर: विशेष अवसरों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्यों पर जगदीश जी की आरती करना शुभ माना जाता है।
1. जगदीश जी की आरती करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
2. आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
3. जगदीश जी की आरती करने से भगवान की कृपा से सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।
4. आरती करने से आत्मिक शांति और मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है।
5. जगदीश जी की आरती करने से भगवान की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
6. इन लाभों के अलावा, जगदीश जी की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और वह सुखी जीवन जीने लगता है।
होली फेस्टिवल होलिका दहन के एक दिन बाद मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इसका विशेष अर्थ है। बता दें कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और कई लोग होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जानते है।
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, होलिका दहन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है। होलिका दहन के विधिवत आराधना करने से नकारात्मकता भी घर से बाहर चल जाता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद बना रहता है।
होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।
होली का त्योहार सिर्फ द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका संबंध त्रेतायुग और भगवान श्रीराम से भी गहरा है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में भी होली मनाई जाती थी, लेकिन तब इसका रूप आज से थोड़ा अलग था। ये सिर्फ रंगों का खेल नहीं था, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा हुआ एक अनोखा त्योहार था।