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जगदीश जी की आरती (Shri Jagdish Ji Ki Aarti)

जगदीश जी की आरती (Shri Jagdish Ji Ki Aarti)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे...



जो ध्यावे फल पावे, दुःख विन से मन का। (स्वामी दुःख विन से मन का)

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे...



मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी। (स्वामी शरण पड़ूँ मैं किसकी)

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे...



तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी। (स्वामी तुम अन्तर्यामी)।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे...



तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता। ( स्वामी तुम पालन-कर्ता)

मैं मूरख खल कामी (मैं सेवक तुम स्वामी), कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे...



तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। (स्वामी सबके प्राणपति)

किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे...



दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। (स्वामी रक्षक तुम मेरे)

अपने हाथ उठाओ, अपने हाथ बढ़ाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे...



विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। (स्वामी पाप हरो देवा)

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे....



ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त ज़नो के संकट, दास ज़नो के संकट
क्षण में दूर करे....



बोलिये जगत्पति भगवान विष्णु की जय 



जगदीश जी की आरती का शुभ समय और इसके लाभ: 


जगदीश जी की आरती का शुभ समय:


1. जगदीश जी की आरती किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन कुछ विशेष समय होते हैं जब इसका विशेष महत्व होता है।

2. सुबह का समय: सुबह 7:00 से 9:00 बजे के बीच जगदीश जी की आरती करना शुभ माना जाता है।

3. शाम का समय: शाम 5:00 से 7:00 बजे के बीच जगदीश जी की आरती करना भी शुभ माना जाता है।

4. पूर्णिमा के दिन: पूर्णिमा के दिन जगदीश जी की आरती करना विशेष शुभ माना जाता है।

5. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर: भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर जगदीश जी की आरती करना विशेष शुभ माना जाता है।

6. विशेष अवसरों पर: विशेष अवसरों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्यों पर जगदीश जी की आरती करना शुभ माना जाता है।


जगदीश जी की आरती के लाभ:


1. जगदीश जी की आरती करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

2. आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

3. जगदीश जी की आरती करने से भगवान की कृपा से सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।

4. आरती करने से आत्मिक शांति और मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है।

5. जगदीश जी की आरती करने से भगवान की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

6. इन लाभों के अलावा, जगदीश जी की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और वह सुखी जीवन जीने लगता है।

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होलिका दहन शुभ समय और भद्रा का साया

होली फेस्टिवल होलिका दहन के एक दिन बाद मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इसका विशेष अर्थ है। बता दें कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और कई लोग होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जानते है।

घर पर होलिका दहन की विधि

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, होलिका दहन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है। होलिका दहन के विधिवत आराधना करने से नकारात्मकता भी घर से बाहर चल जाता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद बना रहता है।

ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

श्रीराम और होली की कथा

होली का त्योहार सिर्फ द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका संबंध त्रेतायुग और भगवान श्रीराम से भी गहरा है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में भी होली मनाई जाती थी, लेकिन तब इसका रूप आज से थोड़ा अलग था। ये सिर्फ रंगों का खेल नहीं था, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा हुआ एक अनोखा त्योहार था।

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