नवीनतम लेख

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti)

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर, आवो प्रभु विश्वकर्मा।


सुदामा की विनय सुनी और, कंचन महल बनाये।

सकल पदारथ देकर प्रभुजी, दुखियों के दुख टारे॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो...॥


विनय करी भगवान कृष्ण ने, द्वारिकापुरी बनाओ।

ग्वाल बालों की रक्षा की, प्रभु की लाज बचायो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो...॥


रामचन्द्र ने पूजन की तब, सेतु बांध रचि डारो।

सब सेना को पार किया, प्रभु लंका विजय करावो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो...॥


श्री कृष्ण की विजय सुनो, प्रभु आके दर्श दिखावो।

शिल्प विद्या का दो प्रकाश, मेरा जीवन सफल बनावो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो...॥


प्रभु श्री विश्वकर्मा घर, आवो प्रभु विश्वकर्मा।


जय श्री भगवान विश्वकर्मा



विश्वकर्मा जी की आरती का शुभ समय और इससे होने वाले लाभ

विश्वकर्मा जी की आरती का शुभ समय:



1. विश्वकर्मा जयंती: विश्वकर्मा जयंती के दिन विश्वकर्मा जी की आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

2. गणेश चतुर्थी: गणेश चतुर्थी के दिन विश्वकर्मा जी की आरती करना शुभ माना जाता है।

3. बुधवार: बुधवार का दिन विश्वकर्मा जी को समर्पित है, इसलिए इस दिन आरती करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

4. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन विश्वकर्मा जी की आरती करना शुभ माना जाता है।


इसके अलावा, आप विश्वकर्मा जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:


- सुबह सूर्योदय के समय

- शाम सूर्यास्त के समय

- रात्रि में दीपक जलाने के समय


आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान विश्वकर्मा जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।

विश्वकर्मा जी की आरती के लाभ:


1. रचनात्मकता और नवाचार की शक्ति: विश्वकर्मा जी की आरती करने से रचनात्मकता और नवाचार की शक्ति में वृद्धि होती है।

2. कौशल और ज्ञान की वृद्धि: विश्वकर्मा जी की आरती करने से कौशल और ज्ञान में वृद्धि होती है।

3. सफलता और समृद्धि: विश्वकर्मा जी की आरती करने से सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

4. संकटों से मुक्ति: विश्वकर्मा जी की आरती करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।

5. मानसिक शांति और संतुष्टि: विश्वकर्मा जी की आरती करने से मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है।

6. आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि: विश्वकर्मा जी की आरती करने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।

7. जीवन में नवीनता और उत्साह: विश्वकर्मा जी की आरती करने से जीवन में नवीनता और उत्साह आता है।

8. पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति: विश्वकर्मा जी की आरती करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।

9. मोक्ष की प्राप्ति: विश्वकर्मा जी की आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

10. जीवन में संतुलन और सुख: विश्वकर्मा जी की आरती करने से जीवन में संतुलन और सुख की प्राप्ति होती है।

........................................................................................................
आरती अहोई माता जी की (Aarti Ahoi Mata Ji Ki)

जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

श्री गोरखनाथ चालीसा (Shri Gorakhnath Chalisa)

गणपति गिरजा पुत्र को । सुमिरूँ बारम्बार ।
हाथ जोड़ बिनती करूँ । शारद नाम आधार ॥

श्री शीतला माता जी की आरती(Shri Shitala Mata Ji Ki Aarti )

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता॥