श्री शिव भगवान जी की आरती (Bhagwan Shri Shiv Ji Ki Aarti)

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


एकानन चतुरानन, पंचानन राजे ।

हंसासन गरूड़ासन ,वृषवाहन साजे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज अति सोहे ।

तीनो रूप निरखता, त्रिभुवन जन मोहे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा..


अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


कर के मध्य कमंडल , चक्र त्रिशूलधर्ता ।

सुखकर्ता, दुखहर्ता, जगपालन कर्ता ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


ब्रह्मा विष्णु सदाशिव , जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर में शोभित , ये तीनों एका ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


त्रिगुणस्वामी जी की आरती , जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी , सुख संपति पावे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा...


जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥


बोलिये देवाधिदेव महादेव की जय


शिव जी की आरती का शुभ समय और इसके लाभ:


शिव जी की आरती का शुभ समय:


1. शिव जी की आरती किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन कुछ विशेष समय होते हैं जब इसका विशेष महत्व होता है।

2. सुबह का समय: सुबह 6:00 से 8:00 बजे के बीच शिव जी की आरती करना शुभ माना जाता है।

3. शाम का समय: शाम 5:00 से 7:00 बजे के बीच शिव जी की आरती करना भी शुभ माना जाता है।

4. महाशिवरात्रि पर: महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की आरती करना विशेष फलदायी होता है। 

5. सोमवार के दिन: सोमवार के दिन भी शिव जी की आरती विशेष रूप से करना चाहिए। 

6. श्रावण मास में: श्रावण मास में शिव जी की आरती नियमित तौर पर करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। 


शिव जी की आरती के लाभ:


1. आत्मिक शक्ति की वृद्धि: शिव जी की आरती करने से आत्मिक शक्ति में वृद्धि होती है और व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करने में मदद मिलती है।

2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: शिव जी की आरती करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है।

3. जीवन में स्थिरता: शिव जी की आरती करने से जीवन में स्थिरता आती है और व्यक्ति को अपने जीवन में संतुलन बनाने में मदद मिलती है।

4. भय और चिंता का नाश: शिव जी की आरती करने से भय और चिंता का नाश होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।

5. ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि: शिव जी की आरती करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है और व्यक्ति को अपने जीवन में सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।

6. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का नाश: शिव जी की आरती करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का नाश होता है और व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मिलता है।

7. जीवन में समृद्धि: शिव जी की आरती करने से जीवन में समृद्धि आती है और व्यक्ति को अपने जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है।


........................................................................................................
श्री सरस्वती चालीसा (Shri Saraswati Chalisa)

जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

श्री भैरव चालीसा ( Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

श्री गणेश स्तोत्रम् (Shree Ganpati Stotram)

कैलाशपर्वते रम्ये शम्भुं चन्द्रार्धशेखरम्।
षडाम्नायसमायुक्तं पप्रच्छ नगकन्यका॥