आरती पुराण जी की (Aarti Puran Ji Ki)

आरती अतिपावन पुराण की,

धर्म भक्ति विज्ञान खान की,


महापुराण भागवत निर्मल,

शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल,

परमानन्द-सुधा रसमय फल,

लीला रति रस रसनिधान की,

आरती अति पावन पुराण की.......


कलिमल मथनि त्रिताप निवारिणी,

जन्म मृत्युमय भव भयहारिणी ,

सेवत सतत सकल सुखकारिणी,

महा-औषधि हरि चरित गान की,

आरती अति पावन पुराण की.......


विषय विलास विमोह विनाशिनी,

विमल विराग विवेक विकासिनी,

भागवत तत्व रहस्य प्रकाशिनी,

परम ज्योति परमात्मा ज्ञान की,

आरती अति पावन पुराण की.......


परमहंस मुनि मन उल्लासिनी,

रसिक ह्रदय रस रास-विलासिनी,

भुक्ति मुक्ति रति प्रेम सुदासिनी,

कथा अकिंचन-प्रिय सुजान की,

आरती अति पावन पुराण की.......


बोलिये श्रीभागवत पुराण की जय

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क्यों मनाते हैं कजलियां पर्व (Kyon Manaate Hain Kajaliyaan Parv)

रक्षाबंधन के एक दिन बाद क्यों मनाते हैं कजलियां पर्व, जानिए क्या है इनका इतिहास

जग में सुन्दर है दो नाम(Jag Main Sundar Hain Do Naam)

जग में सुन्दर हैं दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम ।

प्रदोष व्रत चालीसा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया(Naam Tera Durge Maiya Ho Gaya)

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते ॥