छठ मईया जी की आरती

छठ मईया की आरती


ॐ जय छठी माता,

मैया जय छठी माता, तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।


ॐ जय छठी माता कार्तिक षष्ठी को मैया,

व्रत तेरा आता, निर्जला व्रत जो रखता, फल उत्तम पाता।।


ॐ जय छठी माता चतुर्थी के दिन पावन, नहाय खाय आता,

बाद दिवस जो आये, खरना कहलाता।।


ॐ जय छठी माता ठेकुआ, नारियल, फल से सूप भरा जाता,

डलिया माथे सजाके, घाट पे जग जाता।।


ॐ जय छठी माता संध्या को जल में खड़े हो,

अर्घ्य दिया जाता, प्रात अर्घ्य से छठ व्रत, संपन्न हो जाता।।


ॐ जय छठी माता छठी मैया की आरती जो कोई नर गाता,

मैया जो कोई जन गाता, दुःख दारिद्रय हैं मिटते, संकट टल जाता।।


ॐ जय छठी माता ॐ जय छठी माता, जय जय छठी माता,

तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।


बोलिये छठी मैया की जय

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हे मुरलीधर छलिया मोहन (Hey Muralidhar Chhaliya Mohan)

हे मुरलीधर छलिया मोहन,
हम भी तुमको दिल दे बैठे,

धनु संक्रांति के दिन के विशेष उपाय

हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का काफी महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने सूर्य की राशि परिवर्तन पर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार मार्गशीर्ष माह में 15 दिसंबर को धनु संक्रांति पड़ रही है।

मेरी मैया तेरे दरबार ये, दीवाने आए है (Meri Maiya Tere Darbar Ye Diwane Aaye Hai)

मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।