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श्री गिरिराज जी की आरती (Shri Giriraj Ji Ki Aarti)

श्री गिरिराज जी की आरती (Shri Giriraj Ji Ki Aarti)

॥ श्री गिरिराज आरती ॥

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।

संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...॥

इन्द्रादिक सब सुर मिल, तुम्हरौं ध्यान धरैं।

रिषि मुनिजन यश गावें, ते भवसिन्धु तरैं॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

सुन्दर रूप तुम्हारौ, श्याम सिला सोहें।

वन उपवन लखि-लखि के, भक्तन मन मोहें॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

मध्य मानसी गङ्गा, कलि के मल हरनी।

तापै दीप जलावें, उतरें वैतरनी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन, पावन सुखकारी।

बायें राधा-कुण्ड नहावें, महा पापहारी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

तुम्ही मुक्ति के दाता, कलियुग के स्वामी।

दीनन के हो रक्षक, प्रभु अन्तरयामी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

हम हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी।

देवकीनंदन कृपा करो, हे भक्तन हितकारी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

जो नर दे परिक्रमा, पूजन पाठ करें।

गावें नित्य आरती, पुनि नहिं जनम धरें॥

ॐ जय जय जय गिरिराज...

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज॥

बोलिये वृन्दावन बिहारीलाल की जय

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फाल्गुन मास शुभ मुहूर्त

सनातन हिंदू धर्म में, माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत मानी जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का अंतिम महीना होता है। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

फाल्गुन महीने में विवाह मुहूर्त

फरवरी महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने का समापन शिवरात्रि के दो दिन बाद होगा। आसान शब्दों में कहें तो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है। इसके दो दिन बाद मार्च महीने की शुरुआत होगी। इससे पहले फाल्गुन महीने की शुरुआत होगी।

फाल्गुन महीने में व्रत-त्योहार

फाल्गुन’ हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है जिसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। फाल्गुन को हर्ष और उल्लास का महीना माना जाता है। जॉर्जियन कैलेंडर के अनुसार यह महीना फरवरी और मार्च को में पड़ता है।

14 फरवरी 2025 का पंचांग

आज इस पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर अतिगण्ड और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा सिंह राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।

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