जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता....
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
जय सरस्वती माता....
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
जय सरस्वती माता....
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
जय सरस्वती माता....
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
जय सरस्वती माता....
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
जय सरस्वती माता....
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥
जय सरस्वती माता....
जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥
सरस्वती मैया की जय
वैसे तो सरस्वती मैया की आरती करने के लिए सभी दिन शुभ माने जाते हैं, लेकिन इन दिनों को विशेष माना जाता है-
इसके अलावा, आप सरस्वती मैया की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:
संत पंचमी के दिन सुबह 9:00 बजे से 12:00 बजे तक का मुहूर्त विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
रिद्धि सिद्धि का देव निराला,
शिव पार्वती का लाला,
सारी चिंता छोड़ दो,
चिंतामण के द्वार,
रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा,
तेरी महिमा भारी है,
रिद्धि सिद्धि के संग में,
हे गौरी लाल पधारो,