निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,
मुझको ना बिसराना,,
हे जगदम्बे माँ ॥
श्लोक – तेरे दर्शन की आस है मन में,
मेने तुझसे लगन लगाई है,
तूने दुनिया को बुलाया दर पे,
माँ मेरी याद क्यों ना आई है।
निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,
मुझको ना बिसराना,,
हे जगदम्बे माँ,
हर पल तेरे नाम की,
महिमा गाउँ मै,
मेरे घर भी आना,
जगदम्बे माँ,
निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,
मुझको ना बिसराना,
हे जगदम्बे माँ ॥
स्वासो की लय पे फेरूं मैं,
तेरे नाम की माला,
मैने अपना तन मन माँ,
तेरे रंग में रंग डाला,
तोड़ी प्रीत जहां से मैया,
तुझसे लगन लगा ली,
नयनो में दाती तेरी,
पावन तस्वीर बसा ली,
ध्यानु जैसी भक्ति का,
वर पाऊँ मैं,
ध्यानु जैसी भक्ति का,
वर पाऊँ मैं,
इतना करम कमाना है,
अम्बे माँ,
निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,
मुझको ना बिसराना,
हे जगदम्बे माँ ॥
बन गई मैं तेरे,
नाम की जोगन,
माँ मुझको अपना ले,
मेने अपनी जीवन नैया,
कर दी तेरे हवाले,
अपने बच्चो के सर पर,
माँ हाथ दया का धर दो,
भक्तो की खाली झोली,
अपनी करुणा से भर दो,
हम सब तेरे बालक है,
और तू हम सब की माता,
युगों युगों से है अम्बे माँ,
ये पावन नाता,
अपने आँचल की छैया में,
मैया हमें बिठा लो,
मैया अपने श्री चरणों की,
दासी मुझे बना लो,
लो अब मेरी खबर माँ,
दर्शन दो अम्बे माँ,
अब ना करो माँ देरी,
सुन लो पुकार मेरी,
आजा मैया कबसे तुझे,
बुलाऊँ मैं,
विनती ना ठुकराना,
हे जगदम्बे माँ,
हर पल तेरे नाम की,
महिमा गाउँ मै,
मेरे घर भी आना,
जगदम्बे माँ ॥
निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,
मुझको ना बिसराना है,
जगदम्बे माँ,
हर पल तेरे नाम की,
महिमा गाउँ मै,
मेरे घर भी आना,
जगदम्बे माँ,
निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,
मुझको ना बिसराना,
हे जगदम्बे माँ ॥
सनातन धर्म में मंत्रों को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। ये ध्वनि के ऐसे तरंग हैं जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। मंत्र जाप प्रभु की आराधना का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
हर साल माघ माह में कल्पवास के लिए प्रयागराज में लोग पहुंचते हैं। लेकिन इस साल प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ माघ माह में होने जा रहा हैं।
कल्पवास हिंदू धर्म की एक विशेष धार्मिक परंपरा है, जो माघ महीने में प्रयागराज के संगम तट पर की जाती है। यह व्रत व्यक्ति को भगवान के और करीब लाने में मदद करता है। इस बार माघ माह 21 जनवरी से शुरु हो रहा है।
प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत अगले महीने होने जा रही है। यह 13 जनवरी से शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा। इस दौरान 6 शाही स्नान होंगे। पंचागों के मुताबिक ऐसा संयोग 144 साल में बना है।