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थारी चाकरी करूंगो दिन रात, बणाल्यो म्हाने चाकरियो(Thari Chakari Karungo Din Raat Banalyo Mhane Chakariyo)

थारी चाकरी करूंगो दिन रात, बणाल्यो म्हाने चाकरियो(Thari Chakari Karungo Din Raat Banalyo Mhane Chakariyo)

थारी चाकरी करूंगो दिन रात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो,

थारी सेवा करूंगो दिन रात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो,

चाकरियो ए दादी सेवकियो,

थारां गुण गाऊं दिन रात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥


यो तन भी थारो,

यो मन भी थारो,

यो सारो जीवन थारो,

ए दादी म्हारो सारो जीवन थारो,

म्हारे जीवन की एक तमन्ना,

करुं मैं सुमिरण थारो,

ए दादी सदा करुं मैं सुमिरण थारो,

कुछ तो दादी मुख से बोलो,

रखल्यो म्हारी बात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥


कोई हुकम सुणाओ,

दादी कुछ तो फरमाओ,

म्हारे काळजे ने धीर बंधाओ,

ए दादी म्हारे काळजे ने धीर बंधाओ,

हाजिर खड्यो थारे चरणा पड्यो,

कोई काम तो आज ओढावो,

ए दादी कोई काम तो आज ओढावो,

कहणो थारो मानस्युं ए दादी,

सिर पर रखद्यो हाथ,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥


लाल चुनड़ी मंगाऊं,

लाल मेहंदी रचाऊं,

लाल चूड़ो थाने पहराऊं,

ए दादी लाल चूड़ो थाने पहराऊं,

लाल टीको लगाऊं,

लाल गजरो सजाऊं,

थाने देख देख हर्षाऊं,

ए दादी थाने देख देख हर्षाऊं,

नैण स्युं नैण मिलाओ दादी,

देखो तो घड़ी स्यात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥


ऐसी भक्ति दिज्यो,

ऐसी शक्ति दिज्यो,

थारी घर घर ज्योत जगाऊं,

ए दादी थारी घर घर ज्योत जगाऊं,

आवे जद भी मेळो,

करुं सबने भेळो,

थाने मीठा मीठा भजन सुणाऊं,

ए दादी थाने मीठा मीठा भजन सुणाऊं,

हर एक दिल बस यो ही चाहवै,

‘प्रेम’ स्युं करां मुलाकात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥


थारी चाकरी करूंगो दिन रात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो,

थारी सेवा करूंगो दिन रात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो,

चाकरियो ए दादी सेवकियो,

थारां गुण गाऊं दिन रात,

बणाल्यो म्हाने चाकरियो ॥

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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी स्त्रोत

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के यम-नियम

हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी होती है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा विधि

साल 2024 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लाखों भक्त पुरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

रावण से जुड़ी है अखुरथ संकष्टी कथा

पौष माह में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है जो कि हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं।

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