दादी मैं थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज,
मैया मैं थारी लाडो हूँ,
रखियो मेरी लाज,
धन दौलत दीजो मत दीजो,
धन दौलत दीजो मत दीजो,
दीजो अमर सुहाग,
दादी मै थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज ॥
मेरो धन दौलत मेरो साजन,
मेरो स्वर्ग पति को आँगन,
बण्यो रवे बस साजन मेरो,
बण्यो रवे बस साजन मेरो,
दीजो आशीर्वाद,
दादी मै थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज ॥
मेहंदी की लाली ने बोल दे,
चूड़ी नथ बाली ने बोल दे,
मेरी जबतक सांस चले ये,
मेरी जबतक सांस चले ये,
मेरो निभावे साथ,
दादी मै थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज ॥
दादी थारी भक्ति दीजो,
मन में इतनी शक्ति दीजो,
हँसते हँसते सुख दुःख झेलूं,
हँसते हँसते सुख दुःख झेलूं,
मेरे पति के साथ,
दादी मै थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज ॥
थारे पर ही जोर है मेरो,
थारे सिवा कुंण ओर है मेरो,
बेटी तो माँ ने ही बोले,
बेटी तो माँ ने ही बोले,
‘सोनू’ दिल की बात,
दादी मै थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज ॥
दादी मैं थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज,
मैया मैं थारी लाडो हूँ,
रखियो मेरी लाज,
धन दौलत दीजो मत दीजो,
धन दौलत दीजो मत दीजो,
दीजो अमर सुहाग,
दादी मै थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज ॥
गुजरात में नवरात्रि का त्योहार एक ऐसा समय होता है जब पूरा राज्य हर्षोल्लास और भक्ति रस में डूबा होता है।
नवरात्रि भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है जो मां दुर्गा की आराधना के लिए जाना जाता है। यह 09 दिवसीय उत्सव ना केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि इस दौरान पूरे भारत में देवी दुर्गा के सम्मान में विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और गरबा जैसे पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।
छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पौराणिक महत्व रखने वाला ये राज्य मंदिरों और तीर्थ स्थलों से घिरा हुआ है। यहां के कई मंदिर ना केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी प्रसिद्ध हैं।
छत्तीसगढ़ का कबीरधाम जिला जो पहले कवर्धा जिला कहलाता था। यहां नवरात्रि में एक विशेष धार्मिक परंपरा है। दरअसल दुर्गा अष्टमी की रात को यहां तीन प्रमुख देवी मंदिरों से खप्पर निकाले जाते हैं।