बोला प्रभु से यूँ केवट,
यह विनती है सरकार,
चरण धुलाओ राम जी,
जाना हो जो पार ॥
बिना चरण धोए मैं रामजी,
नाव में नही बिठाऊंगा,
बन जाए जो नाव यह नारी,
बिना मौत मर जाऊंगा,
मेरा नाव से घर चलता है,
क्या खाएगा परिवार,
चरण धुलाओ राम जी,
जाना हो जो पार ॥
राम भगत हूं राम आन,
दशरथ जी के जैसे करता,
मरना जीना दुख-सुख जो भी,
इनसे मैं नहीं डरता,
उतराई भी ना लूंगा,
मानूंगा मैं आभार,
चरण धुलाओ राम जी,
जाना हो जो पार ॥
हार गए भगवान भगत से,
अपना चरण धुलाते हैं,
धन्य है केवट पुष्प देवता,
अंबर से बरसाते हैं,
परिवार सहित केवट ने,
किया पितरों का उद्धार,
चरण धुलाओ राम जी,
जाना हो जो पार ॥
एक भगत परिवार में हो तो,
सारा कुल तर जाता है,
प्रभु से विमुख अधम जीवन,
धरती का भार बढ़ाता है,
शंभू जिस दिन आओगे,
क्या देखेगा यह संसार,
चरण धुलाओ राम जी,
जाना हो जो पार ॥
बोला प्रभु से यूँ केवट,
यह विनती है सरकार,
चरण धुलाओ राम जी,
जाना हो जो पार ॥
........................................................................................................पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर आद्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मिथुन राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज दशमी का दिन है। इस तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो दीवाली के बाद मनाया जाता है। इस दिन को भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र देवता को पराजित करने की स्मृति में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए सही समय और शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य तभी किए जाते हैं जब ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल हो। साथ ही, कुछ विशेष समय ऐसे भी होते हैं जब ये कार्य नहीं किए जाते।