कुलदेवी की पूजा,
जो करता है दिन रात,
उसके जीवन में होती है,
खुशियों की बरसात ॥
हर एक भगत की,
कुलदेवी होती है,
जिसके ही नाम से जलती,
घर में ये ज्योति है,
दुनिया पीछे चलती,
जब कुलदेवी हो साथ,
उसके जीवन में होती है,
खुशियों की बरसात ॥
मैया कृपालु है ये,
बड़ी भोली भाली,
यही तो है माँ गौरा,
यही है माँ काली,
रूप अनेको पूजो,
पर कुलदेवी के साथ,
उसके जीवन में होती है,
खुशियों की बरसात ॥
मेरी गढ़ी महासर मैया,
साथ मेरे चलती,
भूल जाए उनको गर हम,
ये हमारी गलती,
‘मित्तल’ हरदम तो,
मैया ही रहती साथ,
उसके जीवन में होती है,
खुशियों की बरसात ॥
कुलदेवी की पूजा,
जो करता है दिन रात,
उसके जीवन में होती है,
खुशियों की बरसात ॥
युधिष्ठिर ने कहा-हे जनार्दन ! आगे अब आप मुझसे भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम और माहात्म्य का वर्णन करिये।
इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन ने कहा- भगवन्! अब आप कृपा कर मुझे भाद्र शुक्ल एकादशी के माहात्म्य की कथा सुनाइये और यह भी बतलाइये कि इस एकादशी का देवता कौन है और इसकी पूजा की क्या विधि है?
महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पुनः प्रश्न किया कि भगवन् ! अब आप कृपा कर आश्विन कृष्ण एकादशी का माहात्म्य सुनाइये।
युधिष्ठिर ने फिर पूछा-जनार्दन ! अब आप कृपा कर आश्विन शुक्ल एकादशी का नाम और माहात्म्य मुझे सुनाइये। भगवान् कृष्ण बोले राजन् !