तेरी गोद में सर है, मैय्या
अब मुझको क्या डर है, मैय्या
तेरी गोद में सर है, मैय्या
अब मुझको क्या डर है, मैय्या
दुनिया नज़रें फेरे तो फेरे
दुनिया नज़रें फेरे तो फेरे
मुझ पे तेरी नज़र है, मैय्या
तेरी गोद में सर है मैय्या,
अब मुझको क्या दर है मैय्या
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
तेरा दरस यहाँ भी है
तेरा दरस वहाँ भी है
तेरा दरस यहाँ भी है
तेरा दरस वहाँ भी है
हर दुख से लड़ने को, मैय्या
तेरा एक जयकारा काफ़ी है, काफ़ी है
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
दिल में लगा तेरा दरबार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैं संतान, तू माता
तू मेरी जीवन दाता
मैं संतान, तू माता
तू मेरी जीवन दाता
जग में सबसे गहरा, मैय्या
तेरा और मेरा है नाता, है नाता
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
हो, तेरी गोद में सर है, मैय्या
अब मुझको क्या डर है, मैय्या
दुनिया नज़रें फेरे तो फेरे
दुनिया नज़रें फेरे तो फेरे
मुझ पे तेरी नज़र है, मैय्या
तेरी गोद में सर है, मैय्या
अब मुझको क्या डर है, मैय्या
मैय्या, तेरी जय-जयकार
ओ, मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
ओ, मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
ओ, मैय्या, तेरी जय-जयकार
मैय्या, तेरी जय-जयकार
ओ, मैय्या, तेरी जय-जयकार
नरसिंह जयंती का पर्व भगवान विष्णु के चौथे अवतार, श्री नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय साल का दूसरा महीना यानी वैशाख माह चल रहा है। ये कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा और इसके बाद शुरू होगा ज्येष्ठ माह। इस आम भाषा में जेठ महीना भी कहा जाता है।
हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्त्व होता है। 12 मई 2025, सोमवार को वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा दोनों ही हैं। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 13 मई 2025 से ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो रही है, जो 11 जून तक चलेगा। यह महीना गर्मी का चरम समय होता है और धार्मिक रूप से भी बहुत खास माना गया है। इस महीने को 'बड़ा महीना' भी कहा जाता है। सूर्य देव इस समय अपनी तेज किरणों से गर्मी बढ़ा देते हैं।