हो, लाली मेरी मात की, जित देखूँ तित लाल
लाली देखन मैं गया, मैं भी हो ग्या लाल
मैय्या का चोला (है रंगला)
मैय्या का चोला (है रंगला)
शेरो वाली का चोला (है रंगला)
मेहरो वाली का चोला (है रंगला)
हो, जोतो वाली का चोला (है रंगला)
ओए, अम्बे रानी का चोला (है रंगला)
माँ वैष्णो का चोला (है रंगला)
हो, भवन मैय्या का लाल
चोला है रंगला, रंगला, रंगला, रंगला
मैय्या का चोला (है रंगला)
हो, अम्बे रानी का चोला(है रंगला)
हो, शेरो वाली का चोला (है रंगला)
सुआ चोला अँग बिराजे
(सुआ चोला अँग बिराजे)
सुआ-सुआ चोला अँग बिराजे
(सुआ-सुआ चोला अँग बिराजे)
लगी किनारी लाल
चोला है रंगला, रंगला, रंगला, रंगला
मैय्या का चोला (है रंगला)
ओ, शेरो वाली का चोला (है रंगला)
ओए, अम्बे रानी का चोला है रंगला
ओए, सिर सोने का छत्र बिराजे
(सिर सोने का छत्र बिराजे)
सिर सोने का छत्र बिराजे
(सिर सोने का छत्र बिराजे)
हीरे अपरंपार
चोला है रंगला, रंगला, रंगला, रंगला
मेरी माँ का चोला (है रंगला)
शेरो वाली का चोला (है रंगला)
माँ वैष्णो का चोला है रंगला
अश्विन चैत महीना आवे
(अश्विन चैत महीना आवे)
अश्विन चैत महीना आवे
(अश्विन चैत महीना आवे)
चले पवन की चाल
चोला है रंगला, रंगला, रंगला, रंगला
मेरी माँ का चोला (है रंगला)
शेरो वाली का चोला (है रंगला)
मेहरो वाली का चोला है रंगला
ओए, पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल
(पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल)
पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल
(पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल)
माँ की भेंट चढ़ा के
चोला है रंगला, रंगला, रंगला, रंगला
मेरी माँ का चोला (है रंगला)
अम्बे रानी का चोला (है रंगला)
ओ, शेरो वाली का चोला है रंगला
ओ, शेरो वाली माता मेरी
(शेरो वाली माता मेरी)
मेहरो वाली माता मेरी
(मेहरो वाली माता मेरी)
सब को करे निहाल
चोला है रंगला, रंगला, रंगला, रंगला
मेरी माँ का चोला (है रंगला)
ओ, शेरो वाली का चोला (है रंगला)
ओ, मेहरो वाली का चोला (है रंगला)
ओ, जोता वाली का चोला (है रंगला)
ओए, अम्बे रानी का चोला (है रंगला)
माँ वैष्णो का चोला (है रंगला)
भवन मैय्या का लाल
चोला है रंगला
मेरी माँ का चोला (है रंगला)
ओ, शेरो वाली का चोला (है रंगला)
ओए, मेहरो वाली का चोला (है रंगला)
ओ, जोतो वाली का चोला (है रंगला)
ओए, अम्बे रानी का चोला (है रंगला)
माँ वैष्णो का चोला (है रंगला)
मैय्या का चोला (है रंगला)
शेरो वाली का चोला (है रंगला)
हो, मेहरो वाली का चोला (है रंगला)
हो, जोतो वाली का चोला (है रंगला)
ओए, अम्बे रानी का चोला (है रंगला)
माँ वैष्णो का चोला है रंगला
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और वज्र और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। वहीं आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। इस महापर्व में हिस्सा लेने के लिए देश भर से नागा साधु और संतों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए थे। इस दौरान संगम में आस्था की डुबकी लगाकर सभी ने पुण्य फल प्राप्त किए। अब जल्द ही महाकुंभ मेले का समापन होने वाला है और महाशिवरात्रि के दिन अंतिम महास्नान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी, मकर संक्रांति के अवसर पर पहला अमृत स्नान किया गया था।
26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। यह दिन महाकुंभ का अंतिम स्नान और महाशिवरात्रि का पावन पर्व भी है, जिससे आस्था का यह संगम और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।