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जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।

त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥


होए...

जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।

जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।

तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।

तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


दृष्टि दया की जिस पर डाले,

तू उसका उद्धार करे। 


दृष्टि दया की जिस पर डाले,

तू उसका उद्धार करे।


जग कल्याणी भव सागर से,

सबका बेड़ा पार करे।


खाली झोली भरने वाली,

किसको दे दे कब कितना।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


हे...

अंधेरे में बनके उजाला,

भटके जनों को राह दिखा।


अंधेरे में बनके उजाला,

भटके जनों को राह दिखा।


मैय्या कर संतो की रक्षा,

शैतानों को आज मिटा।


जालिम को ऐसी सजा दे,

रह न जाए कोई निशान।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


हे...

हे महारानी देवी भवानी,

ज्योति जलाने आया हूं।


ज्योतावाली माता काली,

तुझको मनाने आया हूं॥


हे...

मैहर वैष्णव दुर्गा चंडी,

बस तेरे गुण गाऊंगा।


बरस बरस में इन चरणों में,

श्रद्धा फूल चढ़ाऊंगा॥


हे...

रुक जायेगा दर पे तेरे,

गर तूफान भी आएगा।


मेरे सर पे हाथ है तेरा,

मुझको कौन मिटाएगा॥


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15 March 2025 Panchang (15 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।

16 March 2025 Panchang (16 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।

17 March 2025 Panchang (17 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।

कब मनाई जाएगी होली भाई दूज

होली भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह के प्रतीक का त्योहार है, जो होली के बाद मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है।

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