छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
पांव पैंजनिया मैय्या पांव पैंजनिया।
पांव पैंजनिया मैय्या पांव पैंजनिया।।
पांव पैंजनिया मैय्या पांव पैंजनिया।।।
पांव पैंजनिया मैय्या पांव पैंजनिया।।।।
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
कौन घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया
(कौन घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया)
कौन घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया
(कौन घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया)
कौन ओढ़ा दे ओढ़निया,
मैय्या पांव पैंजनिया,
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया। - 3
सुनरा घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया
(सुनरा घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया)
सुनरा घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया
(सुनरा घड़ावे मैय्या पांव पैंजनिया)
दर्जी ओढ़ा दे ओढ़निया,
मैय्या पांव पैंजनिया,
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया। - 3
कैहे चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनीय
(कैहे चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया)
कैहे चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया
(कैहे चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया)
कैहे चढ़ा दऊं ओढ़निया,
मैय्या पांव पैंजनिया,
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया। - 3
दुर्ग चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया
(दुर्ग चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया)
दुर्ग चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया
(दुर्ग चढ़ा दऊं मैय्या पांव पैंजनिया)
लंगूर चढ़ा दऊं ओढ़निया,
मैय्या पांव पैंजनिया,
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया। - 3
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
पांव पैंजनिया मैय्या पांव पैंजनिया।
पांव पैंजनिया मैय्या पांव पैंजनिया।।
छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।
(छूम छूूम छननन बाजे,
मैय्या पांव पैंजनिया।)
दोहराएं....
जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन । श्री गोविंदा, गोपीनाथ, मदन-मोहन ॥
जीमो जीमो साँवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी,
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित तिथि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत का वर्णन और महत्व धार्मिक ग्रंथों और पंचांग में बताया गया है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।