नवीनतम लेख
बधैया बाजे आँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
चंद्रमुखी मृगनयनी अवध की,
तोड़त ताने रागने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
प्रेम भरी प्रमदागन नाचे,
नूपुर बाँधे पायने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
न्योछावर श्री राम लला जु,
नहिं कोऊ लाजत माँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
सियाअली यह कौतुक देखत,
बीती रजनी जागने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
बधैया बाजे आँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।