या देवी सर्वभूतेषु,
दया-रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै,
नमस्तस्यै नमो नमः ॥
दुर्गा दुर्गति दूर कर,
मंगल कर सब काज ।
मन मंदिर उज्वल करो,
कृपा करके आज ॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊ मैं ।
सब अंधकार मिटा दे मैया,
दरस तेरा कर पाऊं मैं ॥
जग मैं आकर जग को मैया,
अब तक न मैं पहचान सका ।
क्यों आया हूँ कहाँ है जाना,
यह भी ना मै जान सका ।
तू है अगम अगोचर मैया,
कहो कैसे लख पाऊं मैं ॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया..॥
कर कृपा जगदम्बे भवानी,
मैं बालक नादान हूँ ।
नहीं आराधन जप तप जानूं,
मैं अवगुण की खान हूँ ।
दे ऐसा वरदान हे मैया,
सुमिरन तेरा गाऊ मैं ॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया..॥
मै बालक तू माया मेरी,
निष् दिन तेरी ओट है ।
तेरी कृपा से ही मिटेगी,
भीतर जो भी खोट है ।
शरण लगा लो मुझ को मईया,
तुझपे बलि बलि जाऊ मैं ॥
ऐसा प्यार बहा दे मैया,
चरणों से लग जाऊ मैं ।
सब अंधकार मिटा दे मैया,
दरस तेरा कर पाऊं मैं ॥
सनातन धर्म में वैशाख महीने का विशेष महत्व है। वहीं, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख महीना वर्ष का दूसरा महीना माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह महीना भगवान श्री कृष्ण के लिए अत्यंत प्रिय है। इसके अलावा इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है।
स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब आपकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में संतुलन नहीं होता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
मई माह की शुरुआत हो चुकी है और सभी लोग अपने करियर और जीवन में आगे बढ़ने के लिए नए अवसरों की तलाश में हैं। यदि आप अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मई माह में कुछ विशेष राशियों के जातकों को कई शुभ परिणामों का अनुभव करने का अवसर मिल सकता है। इन राशियों में मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह और तुला राशि शामिल हैं।