परदे में बैठे-बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए ॥
परदा तेरा हमें नहीं,
मंजूर सांवरे,
बैठा है छुप के दीवानो से,
क्यों दूर सांवरे,
मैं भी तो आया दो कदम,
जरा तुम भी बढ़ाइए,
आगए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए ॥
हम चाहने वाले हैं तेरे,
हमे है तुमसे मोहब्बत,
कर दो करम जरा दिखा दो,
अब सांवरी सूरत,
प्यासी निगाहे दीद की,
जरा नजरे मिलाइए,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए ॥
तेरी इक झलक को प्यारे,
मेरा अब दिल बेकरार है,
दीदार की तमन्ना मुझे अब,
तेरा इंतजार है,
रह-रह के हमें इस तरह,
यूँ न सताइए,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए ॥
तू ही जिंदगी है बंदगी,
तू ही आरजू हमारी,
अरमान मेरे दिल का करो,
पूरा बांके बिहारी
चित्र विचत्र को अपने प्रेम का,
पागल बनाइये ,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए ॥
परदे में बैठे-बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए ॥
दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,
दर्शन को तेरे आया,
सब देव तेरी माया,
मार्गशीर्ष मास धर्म, भक्ति और ज्योतिषीय महत्व से परिपूर्ण एक विशिष्ट मास माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ भी माना जाता है।
मार्गशीर्ष माह में यम नियम का अनुसरण करके व्यक्ति अपने वर्तमान जीवन को सुधार सकता है। साथ ही अपने आगामी जन्मों के लिए भी अच्छा भाग्य अर्जित कर सकता है। ये माह कई मायनों में विशेष होता है।