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श्याम ऐसो जिया में समाए गयो री: भजन (Shyam Eso Jiya Me Samay Gayo Ri)

श्याम ऐसो जिया में समाए गयो री: भजन (Shyam Eso Jiya Me Samay Gayo Ri)

श्याम ऐसो जिया में,

समाए गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


सोहनी सूरत माधुरी मूरत,

सोहनी सूरत माधुरी मूरत,

मोहे एक झलक,

दिखाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


चोरी चोरी चुपके चुपके,

चोरी चोरी चुपके चुपके,

मोहे यमुना के तट पे,

बुलाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


आवरी बावरी कर गयो री मोहे,

आवरी बावरी कर गयो री मोहे,

चित्त को मेरे,

चुराय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


मनवा मोरा नहीं मेरे वश में,

मनवा मोरा नहीं मेरे वश में,

वो मन को मेरे,

लुभाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


आकुल व्याकुल फिरूं भवन में,

आकुल व्याकुल फिरूं भवन में,

वो तो प्रेम को रोग,

लगाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


कहा कहूँ सखी कैसे बताऊँ,

कहा कहूँ सखी कैसे बताऊँ,

वो तो मोहे अपनों,

बनाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


श्याम ऐसो जिया में,

समाए गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥

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जगन्नाथ मंदिर (Jagannaath Mandir)

आदि गुरु शंकराचार्य के अनुसार, चारों धाम एक विशेष युग का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर कलियुग का प्रतिनिधित्व करता है।

कुंभ मेला (Kumbh Sthal)

कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन है, साथ ही विश्वास,आस्था, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन का महापर्व भी है।

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गंगा नदी (Ganga Nadi)

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