कर किरपा तेरे गुण गावा - शब्द कीर्तन (Kar Kirpa Tere Gun Gaawa)

कर किरपा तेरे गुण गाँवा,

नानक नाम जपत सुख पाँवा,


तू वड दाता अन्तर्यामी,

सब मे हैं रविया पुरण प्रभ स्वामी,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


मेरे प्रभ प्रीतम प्राण अधारा,

हॅव सूंड़-सूंड़ जीवा नाम तुमारा,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


तेरी शरण मेरे सतगुुरु मेरे पूरे,

मन निर्मल होये संता दूरे,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


चरण कमल हिर्दय उरधारे,

तेरे दर्शन कऊ जाई बल्हारे,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


कर कृपा तेरे गुण गावा,

नानक नाम जपत सुख पावा,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


........................................................................................................
मां दुर्गा पूजा विधि

पहले बतलाये नियमके अनुसार आसनपर प्राङ्घख बैठ जाय। जलसे प्रोक्षणकर शिखा बाँधे ।

गुरू प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।

गजानन आये मेरे द्वार(Gajanan Aaye Mere Dwar )

गजानन आए मेरे द्वार॥
श्लोक – वक्रतुंड महाकाय,

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर(Gora Dhund Rahi Parvat Pe)

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने