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कर किरपा तेरे गुण गावा - शब्द कीर्तन (Kar Kirpa Tere Gun Gaawa)

कर किरपा तेरे गुण गावा - शब्द कीर्तन (Kar Kirpa Tere Gun Gaawa)

कर किरपा तेरे गुण गाँवा,

नानक नाम जपत सुख पाँवा,


तू वड दाता अन्तर्यामी,

सब मे हैं रविया पुरण प्रभ स्वामी,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


मेरे प्रभ प्रीतम प्राण अधारा,

हॅव सूंड़-सूंड़ जीवा नाम तुमारा,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


तेरी शरण मेरे सतगुुरु मेरे पूरे,

मन निर्मल होये संता दूरे,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


चरण कमल हिर्दय उरधारे,

तेरे दर्शन कऊ जाई बल्हारे,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


कर कृपा तेरे गुण गावा,

नानक नाम जपत सुख पावा,

कर किरपा तेरे गुण गाँवा


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क्यों किया जाता है हठयोग

महाकुंभ का आगाज अब दूर नहीं है। इस महान धार्मिक आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। महाकुंभ में साधु-संतों का विशेष महत्व होता है।

हठयोगी, जो सिर पर धारण किए हैं 225000 रुद्राक्ष

महाकुंभ भारत का एक विशाल धार्मिक समागम है जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है। वहीं 12 साल के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है।

9 साल से एक हाथ ऊपर किए हुए हैं ये नागा संन्यासी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलने वाला है। इस पवित्र पर्व पर देश भर से साधु-संतों का जमावड़ा लगा हुआ है। खासतौर पर नागा साधुओं की मौजूदगी इस मेले की शोभा बढ़ा रही है।

महाकुंभ में पहुंचे इस हठ योगी ने 9 साल से नहीं काटे नाखून

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले, महाकुंभ ने एक बार फिर से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस मेले में देश-विदेश से आए साधु-संतों की भारी भीड़ ने इस पवित्र नगरी को और भी पवित्र बना दिया है।

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