कर किरपा तेरे गुण गाँवा,
नानक नाम जपत सुख पाँवा,
तू वड दाता अन्तर्यामी,
सब मे हैं रविया पुरण प्रभ स्वामी,
कर किरपा तेरे गुण गाँवा
मेरे प्रभ प्रीतम प्राण अधारा,
हॅव सूंड़-सूंड़ जीवा नाम तुमारा,
कर किरपा तेरे गुण गाँवा
तेरी शरण मेरे सतगुुरु मेरे पूरे,
मन निर्मल होये संता दूरे,
कर किरपा तेरे गुण गाँवा
चरण कमल हिर्दय उरधारे,
तेरे दर्शन कऊ जाई बल्हारे,
कर किरपा तेरे गुण गाँवा
कर कृपा तेरे गुण गावा,
नानक नाम जपत सुख पावा,
कर किरपा तेरे गुण गाँवा
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है और प्रत्येक माह आने वाली चतुर्थी के बीच आषाढ़ की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है, लेकिन आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी विशेष रूप से फल्दायाक मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा, व्रत और कथा पाठ करने से जीवन के समस्त विघ्न समाप्त होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। यह दिन साधकों और भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, खासकर उन कन्याओं के लिए जो उत्तम वर की प्राप्ति की कामना करती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत मनाया जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है, जिन्हें स्कंद, मुरुगन या कुमारस्वामी के नाम से भी जाना जाता है।