Aja Ekadashi Tulsi Puja: अजा एकादशी पर करें तुलसी पूजन, जानिए सही विधि और पूजा का महत्व
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन तिथि 19 अगस्त, मंगलवार को पड़ रही है। यह दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अजा एकादशी के दिन विधिवत पूजा करने से न केवल पापों का नाश होता है बल्कि धन और सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।
मां तुलसी को अर्पित करें श्रृंगार का सामान
- इस दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें। स्नान के पश्चात शुद्ध मन और आत्मा से व्रत का संकल्प लें।
- पूजन के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय रंग है।
- भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा का संकल्प लें। साथ ही, ध्यान रखें कि अजा एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए। तुलसी को जल एक दिन पूर्व ही अर्पित करें।
- सुबह और शाम तुलसी के पौधे के सामने घी या तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह उपाय घर के वातावरण को पवित्र और सकारात्मक बनाता है।
- मां तुलसी को लाल चुनरी, पुष्प और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। ऐसा करने से घर में धन और सुख-समृद्धि का वास होता है।
- तुलसी की 11, 21 या 108 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘जय जय तुलसी माता’ जैसे मंत्रों का जाप करें। यह साधना पापों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है।
- भगवान विष्णु को अर्पित किए जाने वाले भोग में तुलसी दल अवश्य शामिल करें। यह पूजन को पूर्णता प्रदान करता है।
- अंत में तुलसी जी की आरती करें और निर्जला एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। यह व्रत कथा आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है और विष्णु कृपा दिलाती है।
अजा एकादशी व्रत पूजन महत्व
- अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- इस दिन व्रत रखने से वित्तीय संकट से मुक्ति मिलती है और घर में स्थायी धन-संपदा का आगमन होता है।
- यह व्रत संतान के लिए भी शुभ फल देने वाला माना गया है।
- इस अवसर पर अन्न, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत पुण्यदायी है।
- अजा एकादशी पर व्रत कथा का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।