आज अष्टमी की पूजा करवाउंगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी।
हे मैया हे मैया,
सदा हो तेरी जय मैया,
मन की मुरादे मैं पाऊँगी,
आज अष्टमी की पूजा करवाऊँगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी ॥
छोटी छोटी कंजको को,
घर अपने बुलाऊंगी,
चरण धुलाऊं, तिलक लगाऊं,
चुनरी लाल उढ़ाऊंगी,
हे मैया हे मैया,
पार लगा मेरी नैया,
महिमा सदा मै तेरी गाऊँगी,
आज अष्टमी की पूजा करवाऊँगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी ॥
अष्टमी का दिन तो होता है,
मुरादे पाने का,
खोल के रखती द्वारा मैया,
ममता भरे खजाने का,
हे मैया हे मैया,
मै भी टलुंगी ना मैया,
झोली अपनी मैं भरवाउंगी,
आज अष्टमी की पूजा करवाऊँगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी ॥
अष्ट भुजाओ वाली माता,
अष्ट सिद्धियो का वर दे,
सत्य डगर पे चलने को,
जीवन मेरा सुन्दर कर दे,
हे मैया हे मैया,
पार लगा मेरी नैया,
महिमा सदा मै तेरी गाऊँगी,
आज अष्टमी की पूजा करवाऊँगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी ॥
वो है किस्मत वाले जिनको,
प्यार तेरा मिल जाता है,
उसका हो कल्याण तेरे,
मन को जो भा जाता है,
हे मैया हे मैया,
मेरी खबर भी ले मैया,
तेरा उपकार ना भुलाउंगी,
आज अष्टमी की पूजा करवाऊँगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी ॥
आज अष्टमी की पूजा करवाउंगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी।
हे मैया हे मैया,
सदा हो तेरी जय मैया,
मन की मुरादे मैं पाऊँगी,
आज अष्टमी की पूजा करवाऊँगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी ॥
अमावस्या एक ऐसा दिन होता है जब ना तो चंद्रमा क्षय होता है ना ही उदित। दरअसल, अमावस्या सूर्य और चंद्र के मिलन का समय होता है। चंद्रमा हमारे मन मस्तिष्क पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है।
संगम तट पर लगे महाकुंभ में लाखों साधु-संत अपनी धुनी रमाए प्रभु की भक्ति में लीन हैं। इनमें नागा साधु, अघोरी, साधु, संत शामिल हैं। इन संतों में कई तरह के संन्यासी आए हुए हैं। इन्हें लेकर कई तरह के रहस्य भी लोगों के मन में हैं।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को स्नान और दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। प्रत्येक माह आने वाली अमावस्या को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं।
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होगा। इस बार अमावस्या तिथि को काफी खास माना जा रहा है। बता दें कि महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और रोजाना करीब लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं।