Logo

आज है जगराता माई का, माँ को मना लेना (Aaj Hai Jagrata Mai Ka Maa Ko Mana Lena)

आज है जगराता माई का, माँ को मना लेना (Aaj Hai Jagrata Mai Ka Maa Ko Mana Lena)

आज है जगराता माई का,

माँ को मना लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना,

हाथ उठा के जोर लगा,

जयकारे लगा लेना,

अरे ऐ बहना जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


मिलेगा जो मांगो तुमको,

नहीं कोई शंका,

सारी दुनिया में बजता है,

माई का डंका,

माई के दर पे,

शेरा वाली के दर पे,

जोत जली है,

सर को झुका लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


ये हैं मेहरा वाली मैया,

सबको खिलाती है,

बिछड़े हुए सभी को मैया,

पल में मिलाती है,

माई के दर पे,

मेरी माई के दर पे,

जोत जली है,

सर को झुका लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


चिंतपूर्णी मैया सबकी,

चिंता मिटाती है,

हारे हुए सभी को मैया,

तू ही जिताती है,

भक्त सुनाये,

माँ की महिमा,

तू संग में गा लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


आज है जगराता माई का,

माँ को मना लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना,

हाथ उठा के जोर लगा,

जयकारे लगा लेना,

अरे ऐ बहना जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


........................................................................................................
Vahan Kharidane Shubh Muhurat 2025 (साल 2025 में वाहन खरीदी के शुभ मुहूर्त)

वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।

गणेश विसर्जन की परंपरा कैसे शुरू हुई

सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त पूरी श्रद्धा के साथ गणपति जी का अपने घर में स्वागत करते हैं। इस उत्सव को 10 दिनों तक मनाया जाता है। लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार, डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 10 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना करते हैं।

नागा भभूत क्यों लगाते हैं?

नागा साधु अपने पूरे शरीर पर भभूत लगाते हैं। ये हमेशा नग्न अवस्था में ही नजर आते हैं। चाहे कोई भी मौसम हो, उनके शरीर पर वस्त्र नहीं होते। वे शरीर पर भस्म लपेटकर घूमते हैं। नागाओं में भी दिगंबर साधु ही शरीर पर भभूत लगाते हैं। यह भभूत ही उनका वस्त्र और श्रृंगार होता है। यह भभूत उन्हें बहुत सारी आपदाओं से बचाता भी है।

नागा साधु किसकी पूजा करते हैं?

नागा साधु भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे केवल सनातन धर्म के संरक्षक भी माने जाते हैं। इनका जीवन कठोर तपस्चर्या, शैव परंपराओं और भगवान शिव की भक्ति में बीतता है। नागा साधु धार्मिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ होते हैं। साथ ही हिंदू धर्म की रक्षा में भी ऐतिहासिक योगदान भी देते हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang