शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।)
ओए शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।)
सोए हुए भाग्य जगा जा शेरा वालिये।
शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये)
(शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये)
शेरा वालिये मां ज्योत वालिये।
शेरा वालिये मां ज्योत वालिये।
ज्योत माँ जगा के तेरी आस ये लगाई है।
ओ...
ज्योत माँ जगा के तेरी आस ये लगाई है।
जिन का ना कोई उनकी तू ही मां सहाई है।
ओ...
रौशनी अंधेरो में दिखा जा शेरा वालिये।
(रौशनी अंधेरो में दिखा जा शेरा वालिये।)
शेर पे सवार होके आ जा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार होके आ जा शेरा वालिये)
शेरा वालिये माँ ज्योता वालिये।
शेरा वालिये माँ ज्योता वालिये।
रखियो माँ लाज इन अंखियों के तारों की।
ओ...
रखियो माँ लाज इन अंखियों के तारों की।
डूबने ना पाए नैय्या हम बेसहारों की।
ओ...
नैय्या को किनारे पे लगा जा शेरा वालिये।
(नैय्या को किनारे पे लगा जा शेरा वालिये।)
शेर पे सवार होके आ जा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार होके आ जा शेरा वालिये।)
शेरा वालिये माँ ज्योता वालिये।
शेरा वालिये माँ ज्योता वालिये।
सच्चे दिल से ध्यानुजी ने जब था बुलाया माँ।
ओ...
सच्चे दिल से ध्यानुजी ने जब था बुलाया माँ।
कटा हुआ शीश तूने घोड़े का लगाया माँ।
ओ...
भगतों की आन को बचा जा शेरा वालिये।
(भगतों की आन को बचा जा शेरा वालिये।)
ओए शेर पे सवार होके आ जा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
शेरा वालिये माँ ज्योता वालिये।
शेरा वालिये माँ ज्योता वालिये।
शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
ओए शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
(शेर पे सवार हो के आ जा शेरा वालिये।)
हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आमलकी एकादशी का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रखते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत रख भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।
नरसिंह द्वादशी सनातनियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है जो कि इस साल 10 मार्च 2025, फाल्गुन, शुक्ल द्वादशी को पड़ रहा है।
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह भगवान की पूजा करने की परंपरा है।